यमन से 4000 भारतीयों को निकालने के प्रयास तेज, अदन पत्तन पर जहाज खड़ा करने की मंजूरी मिली

Last Updated 31 Mar 2015 11:40:14 PM IST

भारत को मंगलवार रात अदन से करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए अदन पत्तन पर अपना जहाज खड़ा करने की मंजूरी मिल गयी जो कल जिबूती पहुंच सकते हैं.


विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह यमन के पड़ोसी देश जिबूती रवाना (फाइल फोटो)

सरकार ने संघर्ष प्रभावित यमन में फंसे 4000 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए बड़ा हवाई और समुद्री अभियान छेड़ा है.

विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह भारतीयों को संघर्ष प्रभावित यमन से निकालने के ‘ऑपरेशन राहत’ पर नजर रखने के लिए यमन के पड़ोसी देश जिबूती के लिए रवाना हो गये. भारत ने उक्त अभियान के तहत अपने कुल पांच जहाजों और चार विमानों को तैनात किया है.

विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने कहा, ‘‘आईएनएस सुमित्रा अदन पत्तन पर है. हमारे नागरिकों को निकाले जाने की प्रक्रिया चल रही है.’’ 400 भारतीय कल जिबूती पहुंच सकते हैं.

रक्षा सूत्रों ने कहा कि अदन की खाड़ी में जलदस्यु विरोधी अभियानों में शामिल तटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को अदन में फंसे कम से कम 400 भारतीयों को निकालने के लिए यमन की ओर रवाना किया गया था.

दो यात्री जहाजों के अलावा दो युद्धपोतों को सेवा में लगाया गया है वहीं भारतीय वायु सेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा है.

एयर इंडिया ने यमन की राजधानी सना से भारतीयों को जिबूती पहुंचाने के लिए मस्कट में 180 सीट वाले दो एयरबस ए320 विमानों को तैयार रखा है. संबंधित अधिकारियों की मंजूरी मिलते ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा.

रक्षा सूत्रों के अनुसार आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और रडार की पहुंच से बाहर रहने वाला आईएनएस तर्कश शनिवार तक यमन पहुंचेंगे. कवारती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं. चारों जहाज दो अप्रैल को अरब सागर में मिलेंगे और एक साथ जिबूती की तरफ बढ़ेंगे.

एयर इंडिया ने कल 180 सीटों वाले दो विमान रवाना किए थे जो अधिकारियों की मंजूरी के इंतजार में ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे हुए हैं. एयर इंडिया सूत्रों ने यहां कहा, ‘‘दोनों विमान आज दूसरे दिन मस्कट में खड़े रहे. सना हवाई अड्डे पर उतरने की मंजूरी के अलावा हम अपनी सरकार के निर्देशों का भी इंतजार कर रहे हैं.’’

भारत सरकार चौथी बार किसी देश से अपने नागरिकों को निकालने की इस तरह की प्रक्रिया में शामिल है. इससे पहले यूक्रेन, इराक और लीबिया से भारतीयों को संकटग्रस्त स्थिति से निकाला गया था.

भारतीय वायुसेना ने यमन में अभियानों के लिए दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमान तैनात किए हैं. योजना के तहत दोनों विमान जिबूती जाएंगे और वहां से भारतीयों को मुंबई और कोच्चि वापस लेकर आएंगे. जब तक चारों भारतीय जहाज जिबूती पहुंचेंगे, भारतीय वायुसेना बहुत सारे भारतीयों को वापस ला चुकी होगी. इसके बाद बाकी भारतीयों को जहाजों में भरकर वापस देश लाया जाएगा.

नौसेना के उप प्रमुख पी मुरूगेसन ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना के जहाज जाएंगे और भारतीयों को बाहर निकालने के अलावा अभियान के लिए तैनात विभिन्न संसाधनों को  पहुंचाने में दस्यु निरोधी सेवाएं भी देंगे.’’

सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन बलों ने आज यमन में छठे दिन शिया विद्रोहियों पर हवाई हमले कर उनकी मिसाइलों और हथियारों के भंडार नष्ट कर दिए. बलों ने पहली बार विद्रोहियों के कब्जे वाले हवाई अड्डे और अदन के पूर्वी बाहरी इलाके में बमबारी के लिए युद्धपोतों का इस्तेमाल किया.

यमन में फंसे 4,000 भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल रात सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से टेलीफोन पर बात कर सऊदी अरब की मदद मांगी थी.



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