IRNSS-1D नेविगेशन सेटेलाइट सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित

Last Updated 28 Mar 2015 09:23:23 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी(इसरो) ने सफलता की एक और कहानी लिखते हुए देश के चौथे नेविगेशन सेटेलाइट आई आर एन एस एस 1डी को शनिवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा मे स्थापित करा दिया.


नेविगेशन सेटेलाइट सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित (फाइल फोेटो)

इसरो के बेहद भरोसेमंद ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पी एस एल वी सी 27 ने अपनी इस 29वीं उडान में शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक हजार चार सौ पीस किलोग्रा्रम वजन वाले उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया.

44 मीटर लंबे तथा चार स्तरीय इस विशाल प्रक्षेपण यान ने 320 टन के वजन के साथ जब उडान भरी तो इसकी तेज गर्जना से पृथ्वी में कुछ समय के लिए कंपन हुआ और नरंगी लपटे छोडते हुए यह यान गंतव्य की ओर कूच कर गया.

प्रक्षेपण के 20 मिनट के पश्चात नेविगेशन सेटेलाइट पी एस एल वी से अलग होकर कक्षा में स्थापित हो गया.

मिशन कंट्रोल रूम से पूरा नजारा देख कर इसरो के प्रमुख किरण कुमार खुशी से उछल पडे और उन्होंने अपने साथी वैज्ञानिकों को गले लगा कर और हाथ मिला कर यह खुशियां साझा की.

बेहद उत्साहित श्री कुमार ने कहा ‘‘ यह मेरा पहला प्रक्षेपण था. यह अभियान सटीक रहा तथा पीएसएलवी के प्रक्षेपण ने प्रमाणित किया है कि हम एक युग में प्रवेश कर गए हैं.’’

यह उपग्रह देश में उपग्रह आधारित नेविगेशन तां को आगे बढाने में मदद करेगा. यह उपग्रह नेविगेशन, ट्रैकिंग तथा मै¨पग सेवा प्रदान करेगा. इसरो से जूडे एक सूा ने बताया कि  यह उपग्रह भारतीय क्षेा में मौजूद किसी भी व्यक्ति को अपनी भौगोलिक स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा.

उन्होंने कहा  एक बार ये चारों उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंच जाए फिर पृथ्वी पर एक रिसीवर का इस्तेमाल करके आप स्वतांरूप से उस स्थान का पता लगा सकते हो  जिस जगह पर आप हैं1 आप अक्षांस देशांतर तथा ऊंचाई के आधार पर भी अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं.’’

इसरो के प्रमुख ने अपने साथी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रक्षेपण पहले नौ मार्च को होना था लेकिन कुछ तकनीकी गडबडी के चलते इसकी तारीख बदलनी पडी.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्रिमंडल को इसरो पर भरोसा करने तथा इसके सामाजिक लाभों को पहचानने के लिए आभार व्यक्त किया.



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