मेधा पाटकर ने दिया AAP को झटका दिया AAP की प्राथमिक सदस्यता से इस्‍तीफा

Last Updated 28 Mar 2015 05:40:45 PM IST

आप नेता और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने यादव और प्रशांत भूषण का समर्थन करते हुए आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.


मेधा पाटकर ने दिया AAP से इस्‍तीफा (फाइल फोटो)

पाटकर ने शनिवार की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि प्रशांत और योगेंद्र पर लगे आरोप गलत हैं.
 
मुंबई से आप के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं पाटेकर ने कहा कि आज राजनीतिक सोच की अवमानना हुई है.

उन्होंने आज की घटना से आहत होकर आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उधर, आप के विधायक देवेंद्र सहरावत ने भी माना कि आज की बैठक में मारपीट हुई थी जिसका उन्होंने विरोध किया था.

इससे पहले, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर निकाले गए नेता योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने प्रेस क्लब में अपनी बात मीडिया के सामने रखी. अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि हम दुख और शर्मिंदगी के साथ बैठे हैं.

बैठक में घटिया हरकत हुई. मारपीट के दौरान केजरीवाल चुप रहे और ज्यादार बोगस वोटिंग हुई. प्रशांत भूषण ने भी इस बैठक को अवैध व असंवैधानिक करार दिया.

आज आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद प्रधान और अजित को बाहर कर दिया गया. उधर, इस मामले पर सफाई देते हुए आप ने कहा कि इन्हें पार्टी की बैठक में प्रस्ताव पास कर निकाला गया है.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद केजरीवाल समर्थक नेताओं की ओर से लगाए गए आरोप पर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने जवाब दिया. संवाददाताओं से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि आज बैठक में जो भी हुआ वो बहुत ही घटिया हरकत थी.

उन्होंने फिर सारी बातें दोहराई और कहा कि गोपाल राय की अध्यक्षता के दौरान मनीष सिसोदिया मंच पर आए और हमें निकालने का प्रस्ताव कर दिया. इस प्रस्ताव का किसी ने भी अनुमोदन नहीं किया.

यादव ने बताया कि जब हमने वोटिंग की बात कही तो वे कहने लगे कि 247 लोगों ने इसके समर्थन में वोट दिया है. इसके अलावा बैठक में ज्यादातर वैसे सदस्य बुलाए गए थे जो राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नहीं थे. उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं से कहा था कि अगर उन्हें मीटिंग में रखा गया तो वे पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे देंगे.

फिर प्रशांत भूषण ने संवाददातों को बताया कि हमने पार्टी के सचिव पंकज गुप्ता को बैठक सभ्य तरीके से चलाने के लिए चिट्ठी लिखी थी.चिट्ठी के जवाब में कहा गया कि मीटिंग में चर्चा होगी.

प्रशांत के मुताबिक चिट्ठी में पार्टी के इंटरनल लोकपाल एडमिरल रामदास की सहायता से मीटिंग करने की भी बात कही गई थी. इस पर रामदास को पार्टी की ओर से एक मैसेज भेजा गया और लोकपाल के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया गया. एडमिरल रामदास को भेजे गए मैसेज में कहा गया कि आपका कार्यकाल खत्म हो चुका है और अब आप पार्टी के सदस्य नहीं हैं.नहीं हैं.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सरकार बनाई थी. लेकिन उसी पार्टी ने अपने दो महत्वपूर्ण नेताओं -योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण- को शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया. पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों -आनंद कुमार और अजीत झा- को भी 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है.

योगेंद्र और प्रशांत ने केजरीवाल को एक अराजक व्यक्ति करार दिया और उन पर पार्टी के सिद्धांतों से दूर जाने का आरोप लगाया. दूसरी तरफ आप ने उन पर दिल्ली चुनाव में पार्टी को हराने की कोशिश का आरोप लगाया है.

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में करीब 300 लोग मौजूद थे, जहां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र और प्रशांत को हटाने का प्रस्ताव पेश किया.



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