बिहार के घाटे की भरपाई करे केंद्र: नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नयी वित्तीय व्यवस्थाओं को लागू किये जाने से 2015-16 में राज्य को करीब दस हजार करोड़ का नुकसान होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
इसकी भरपाई करने तथा आन्ध्र प्रदेश की तर्ज पर राज्य को आर्थिक सहायता देने की उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की.
नीतीश कुमार ने मोदी से लगभग 45 मिनट की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने उनकी मांगों को ध्यान से सुना तथा सभी मुद्दों पर विचार करने का भरोसा दिया. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे उनकी यह पहली मुलाकात थी.
उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की सिफारिशों के कारण जिन राज्यों को आर्थिक नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई केन्द्र सरकार को करनी चाहिए,उन्होंने आन्ध्र प्रदेश की तर्ज पर बिहार को सहायता देने का अनुरोध करते हुए कहा कि राज्य में निवेश पर केन्द्रीय करों में छूट मिलनी चाहिए.
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से बिहार में निवेश को प्रोत्साहन देने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे राज्य विकास होगा. उन्होंने केन्द्र की ओर से कुछ योजनाओं को राज्यों सौंपने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इसके लिए केन्द्र की ओर से राज्यों को आर्थिक मदद भी दी जाए.
उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष से बिहार को जो मदद मिल रही थी, उस विशेष सहायता को अब बंद कर दिया गया है. उन्होंने इस मदद की जारी रखने की मांग की.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार पुनर्गठन विधेयक के प्रावधानों को लागू करने को लेकर केन्द्र से एक खरब 20 अरब की राशि पांच वर्ष के लिए मिली है, उन सभी योजनाओं को केन्द्र की मंजूरी मिल गयी है.
उन्होंने कहा कि वित्तीय नुकसान को लेकर पिछले माह वह केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी मिले थे और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था.
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