प्रधानमंत्री ने भूमि अधिग्रहण कानून के लिये विपक्ष की आलोचना की

Last Updated 05 Mar 2015 04:12:21 PM IST

संसद में भूमि-अधिग्रहण कानून पारित करने में रूकावट डालने के लिये विपक्ष की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसान विरोधी नहीं है.


प्रधानमंत्री ने श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया.

संसद में भूमि-अधिग्रहण कानून पारित करने में रूकावट डालने के लिये विपक्ष की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि उनकी सरकार किसान विरोधी नहीं बल्कि देश का विकास और किसानों का भला चाहती है.

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना 600-600 मेगावाट की दो इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित करने के पश्चात एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण कानून में स्कूल, अस्पताल, आवास, पानी और सिंचाई के लिये कोई प्रावधान नहीं किये गये थे. उन्होंने जनता से जानना चाहा कि उन्हें यह सब सुविधायें चाहिये कि नहीं.

मोदी ने इसी परियोजना के द्वितीय चरण के लिये 660-600 मोगावाट की दो इकाइयों का शिलन्यास भी किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से इस कानून में और अधिक सुधार के लिये संशोधन सुझाने का प्रस्ताव भी दिया था लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई सुझाव नहीं दिये.

मोदी ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि मैं किसान विरोधी नहीं हूं और हमने कभी भी किसानों का विरोध नहीं किया जबकि हमने उनसे कहा था कि इसमें और क्या सुधार किये जा सकते हैं बताये, लेकिन वे इस मामले में चुप रहे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब स्कूल, अस्पताल, सडक, आवास, पानी, बिजली और सिंचाई चाहते हैं लेकिन पूर्व के कानून में इनके लिये कोई प्रावधान नहीं किये गये थे.

उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जो कानून बनाया था उसमें किसानों को पानी या सिचांई के लिये जमीन देने का प्रावधान नहीं था जबकि हमारी सरकार ने इन सबके प्रावधान अपने कानून में किये हैं.

हाल ही में वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में वर्ष 2015-16 के लिये पेश किये गये बजट की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि इसमें समाज के सभी वगरे के कल्याण के लिये प्रावधान किये गये हैं. उन्होने कहा कि बजट में गरीबों, किसानों, दलित, आदिवासी भाई बहनों के कल्याण की चिंता की गई है.

उन्होंने देश के विकास में ऊर्जा का जिक्र  करते हुए कहा कि बिजली का उत्पादन देश के विकास के लिये आवश्यक है. उन्होंने कहा कि केवल बिजली उत्पादन ही भविष्य को नहीं बचा सकता बल्कि इसके लिये हमारा दायित्व है कि आने वाली पीढी भी सुरक्षित और सुखी रहे.

देश में बिजली बचाने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली बचेगी तो कोयला बचेगा और देश का भविष्य सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि आज भी देश में 20 प्रतिशत आबादी ने बिजली का मुंह नहीं देखा है जबकि हजारों गांव ऐसे हैं जहां बिजली के खंभे और तार नहीं पहुंच सके हैं. उन्होंने कहा कि यह वह लोग हैं जो अत्यंत गरीब हैं.



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