भारत-पाक में हुई विदेश सचिव स्तरीय वार्ता, भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया

Last Updated 03 Mar 2015 07:57:31 PM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच सात महीने के अंतराल के बाद वार्ता बहाल करते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने मुंबई हमला मामला सहित आतंकवाद का मुद्दा उठाया.


एजाज चौधरी के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर (फाइल)

दक्षेस यात्रा के तहत मंगलवार सुबह इस्लामाबाद पहुंचे जयशंकर ने अपने समकक्ष एजाज चौधरी के साथ वार्ता की जिस दौरान उन्होंने दक्षेस पर भारतीय नेतृत्व की उम्मीदों और सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगी संबंध बनाने के संकल्प से उन्हें अवगत कराया.
   
जयशंकर ने बताया, ‘‘मेरी यात्रा ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए एक अवसर मुहैया किया है. हमने एक दूसरे की चिंताओं और हितों पर खुल कर बात की. हम साझा आधार पाने और मतभेदों को कम करने के लिए एक साथ काम करने पर राजी हुए.’’
   
उन्होंने चौधरी के साथ अपनी वार्ता के बाद बताया, ‘‘मैंने मुंबई मामला सहित सीमा पार से आतंकवाद पर हमारी ज्ञात चिंताओं को दोहराया.’’
   
भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने वालों पर मुकदमे में हो रही देरी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को लगातार अवगत कराया है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
   
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर सलाहकार सरताज अजीज और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातेमी से जयशंकर की मुलकात से पहले दोनों विदेश सचिवों ने एक घंटे लंबी चर्चा की. जयशंकर और चौधरी ने दोपहर के भोज के दौरान भी अपनी चर्चा जारी रखी और वह भी करीब एक घंटे तक चली.
   
जयशंकर ने बताया कि ‘वार्ता एक रचनात्मक और सकारात्मक’ माहौल में हुई.
   
पिछले साल अगस्त में भारत द्वारा विदेश सचिव स्तरीय वार्ता आखिरी क्षणों में रद्द किए जाने के सात महीने बाद जयशंकर की यात्रा हुई है. पाक उच्चायुक्त के नयी दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादियों से विचार विमर्श करने के चलते यह वार्ता रद्द की गई थी.
   
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम इस बात पर राजी हुए कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है.’’
   
विदेश सचिव ने कहा कि चौधरी के साथ वार्ता के दौरान दक्षेस को आगे ले जाने पर विचार एवं कोशिशों पर वार्ता हुई.
   
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान दक्षेस का अगला अध्यक्ष होगा और भारत दक्षेस को अपनी संभावनाओं को हासिल करने में मदद के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना पसंद करेगा.’’
   
दक्षेस यात्रा पर जयशंकर का यह तीसरा पड़ाव था. वह थिम्पू और ढाका की यात्रा पहले ही कर चुके हैं. वह अपनी दक्षेस यात्रा के प्रथम दौर को संपन्न करने के लिए यहां से बुधवार को अफगानिस्तान के लिए रवाना होंगे. उनकी यात्रा का लक्ष्य क्षेत्रीय और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करते हुए समूह के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत करना है.
   
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘क्रिकेट कूटनीति’ का इस्तेमाल करते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से बात की थी और उनसे जयशंकर की दक्षेस यात्रा पर चर्चा की थी.
   
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया में स्थित आठ देशों का एक आर्थिक और भूराजनैतिक संगठन है जिसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका इसके सदस्य के तौर पर शामिल हैं.




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