‘घर वापसी’ में कुछ भी गलत नहीं है : विहिप

Last Updated 02 Mar 2015 05:56:00 AM IST

धर्म परिवर्तन को लेकर विश्व हिंदू परिषद रविवार को फिर विवाद में आ गई.


‘घर वापसी’ में कुछ भी गलत नहीं है : विहिप

सगंठन ने कहा कि ‘घर वापसी’ कार्यक्रम में कुछ भी नया नहीं है और ‘जबरन’ धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की अपील की.

विहिप की स्वर्ण जयंती के मौके पर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हिंदू सम्मेलन में बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए संसद में विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करना चाहिए. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,‘धर्म परिवर्तन नहीं होना चाहिए लेकिन घर वापसी होनी चाहिए’.

उन्होंने दावा किया कि भारत में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं और अगर हम सावधान नहीं हुए तो असम, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में हिंदुओं की आबादी ‘खत्म’ हो जाएगी. डॉ. तोगड़िया ने हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की ‘धार्मिक असहिष्णुता’ की टिप्पणी की भी आलोचना की और कहा, ‘हमें प्रवचन नहीं चाहिए’ क्योंकि वे वहां एक मंदिर पर हमले को रोकने में विफल रहे. डॉ. तोगड़िया ने सुरक्षित हिन्दू, समृद्ध हिन्दू और सम्मानयुक्त हिन्दू का नारा दिया.

उन्होंने कहा कि हिंन्दुओं पर आज सबसे अधिक आक्रमण किए जा रहे हैं. उसकी सुरक्षा किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि विहिप चाहती है कि देश में हरेक व्यक्ति को भोजन, हर बच्चे को शिक्षा, हर परिवार को घर और हर युवा को रोजगार मिले. इसके लिए ही विहिप सतत प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हिंन्दुओं की समृद्धि में ही भारत की समृद्धि निहित है. परिषद् संचालित हिन्दू हेल्पलाइन और इंडिया हेल्थलाइन के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं. इस योजना को हम निचले स्तर तक ले कर जाएंगे.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने हिन्दुओं के जागरण पर जोर दिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी ने सम्मेलन में आए हिन्दुओं का आह्वान करते हुए कहा कि देश के सामने जो भी चुनौतियां हैं, उनके समाधान के लिए हिन्दुओं को ही आगे आना होगा.

बद्रिकाश्रम ज्योतिपीठ के शंकराचार्य ने कहा कि हिन्दू धर्म में धर्म परिवर्तन एक अपराध है. परंतु यदि कोई वापस अपने मत में आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. जनसंख्या का धार्मिंक असंतुलन देश के लिए आज एक खतरा बनता जा रहा है. हिन्दू समाज को इसकी चिंता करनी होगी. प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज ने हिंन्दुओं के मतांतरण को रोके जाने और मतांतरित हिंदुओं की घर वापसी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि लव जिहाद भारत के काले भविष्य का संकेत है.

यह गैर मुस्लिमों को मुस्लिम बनाने का एक षड्यंत्र है और इसका पर्दाफाश किया जाना आवश्यक है. डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने सम्मेलन को आश्वस्त किया कि हिन्दू हित की समस्त कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए वे तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यह एक लंबी लड़ाई है और इसके लिए बड़ी तैयारी की आवश्यकता है. हिन्दू समाज को एकजुट होना जरूरी है.

सम्मेलन को समाज सेवी महाशय धर्मपाल, प्रसिद्ध बौद्ध गुरु रिनपोछे, महामंडलेश्वर स्वामी राघवानंद, सुधांशु महाराज, विहिप के संरक्षक विष्णु हरि डालमिया, अध्यक्ष राघव रेड्डी, संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र, केंद्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल, अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में साधु-संत और पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया.



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