साइबर सुरक्षा के समाधान, नये विचार विकसित करे आईटी उद्योग: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सुरक्षा की वैश्विक समस्या से निपटने और आंकड़ों की सुरक्षा के लिए भारतीय आईटी उद्योग से नये समाधान उपलब्ध कराने को कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल) |
आईटी कंपनियों के संगठन ‘नासकॉम’ के एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया इससे चिंतित है. जब से मैं प्रधानमंत्री बना हूं, मैं दुनिया के करीब 50 नेताओं से मिला हूं और उसमें से करीब 25 से 30 ने कहा कि साइबर सुरक्षा चिंता का कारण है. क्या भारतीय युवा साइबर सुरक्षा समाधान के लिये काम कर सकते हैं?’’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को मोबाइल के जरिये जनता के साथ जोड़ने के लिये एक मोबाइल एप विकसित करने के वास्ते विचार आमंत्रित किये जायेंगे.
साइबर सुरक्षा को ‘बहुत बड़ा बाजार’ बताते हुये प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि नासकॉम को इसके लिये एक कार्यबल गठित करना चाहिए जो यह देखे कि कैसे इस अवसर का लाभ उठाया जा सकता है क्योंकि भारतीय आईटी पेशेवर दुनिया भर में डिजिटल संपत्ति की साइबर सुरक्षा के लिये काफी कुछ कर सकते हैं.’’
मोदी ने कहा, ‘‘नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी समाधान तैयार के लिये देश भर की युवा प्रतिभाओं से नये विचारों को लेकर मैं बहुत उत्सुक हूं.’’
उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई तो लोग अपने मोबाइल फोन के इस्तेमाल से डरेंगे. उन्हें इस बात का डर लगा रहेगा कि उनकी निजता और आंकड़ों में सेंध लग सकती है.
नॉसकॉम का यह कार्यक्रम संगठन के 25 वर्ष पूरे होने की उपलक्ष में आयोजित किया गया था.
नरेंद्र मोदी प्रौद्योगिकी इस्तेमाल करने वाले नेता हैं और उन पहले राजनेताओं में हैं जिन्होंने सोशल मीडिया का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग को ‘क्लाउड गोदाम’ और ‘क्लाउड लाकर्स’ तैयार करने की दिशा में काम करना चाहिए जिसका बैंक और अन्य संस्थान आंकड़ों को चुराये जाने के भय के बिना इसकी सुरक्षा के लिये उपयोग कर सकते हैं.
स्वर्ण बांड योजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस उत्पाद को सुरक्षित तरीके से ‘क्लाउड लाकर्स’ में रखा जा सकता है. बजट में शनिवार को स्वर्ण बांड योजना की घोषणा की गयी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र के लिये नागरिक केंद्रित सेवाओं तथा मोबाइल प्रशासन के लिये कुछ नया कर गुजरने के लिये व्यापक संभावना है.
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के बारे में मोदी ने कहा कि ई-प्रशासन का मतलब आसान प्रशासन तथा कम खर्च में प्रशासन भी है.
उन्होंने कहा कि सरकार आईटी बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है और नवप्रवर्तन को अपनाएगी. ‘हाईवेज, आईवेज’ भी वृद्धि के लिये जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि किस प्रकार प्रौद्योगिकी ने भ्रष्टाचार रोकने में मदद की इस पर उन्होंने कोयला ब्लाक नीलामी तथा एलपीजी सब्सिडी के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह पारदर्शिता लाती है.
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘हमने कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग किया. उच्चतम न्यायालय ने 204 कोयला ब्लॉक का आबंटन रद्द किया. न्यायालय ने कहा इसमें घोटाला हुआ... तीन महीने में हमने पूरी योजना तैयार की और अध्यादेश लाये.
मोदी ने कहा, ‘‘कैग ने कहा था कि कोयला ब्लॉक आबंटन में 1.86 लाख करोड़ रपये का घोटाला हुआ... अब तक हमने 19 कोयला ब्लॉक की नीलामी की. इसके लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग किया... कुल 204 कोयला ब्लाक में से केवल 19 की नीलामी हुई.’’
उन्होंने कहा कि सरकार को 19 ब्लाक के लिये 1.10 करोड़ रुपये की बोलियां मिली है. ‘‘यह उदाहरण है कि कैसे प्रौद्योगिकी पारदर्शिता ला सकती है. किसी ने भी इस पर उंगली नहीं उठायी है.’’
उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र देश की विरासत को उकरते हुए ‘आभासी संग्रहालय’ बनाकर पर्यटन को बढ़ावा दे सकता है. उन्होंने उद्योग के दिग्गजों से स्कूलों के लिये ई-पुस्तकालय तैयार करने में योगदान देने को कहा.
मोदी ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने के लिये संपर्क साधना, जोड़ना बड़ा स्रोत होगा लेकिन यह चिंता पैदा करने वाली बात है कि हम भारत से ‘गूगल’ पैदा करने में कामयाब नहीं हुए हैं.
उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय जनता के लिये मोबाइल के जरिये प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचना आसान बनाने के लिये मोबाइल एप विकसित करने के वास्ते लोगों से विचार आमंत्रित करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया जिस रूप में भारत को देखती थी, 146 अरब डॉलर के आईटी क्षेत्र ने उसे बदल दिया और अब एप्स जैसे नये क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘‘जितनी तेजी से आप सभी मोबाइल एप बनाते हैं, उतनी तेजी से आप बाजार पर कब्जा करेंगे. हमें मोबादल प्रशासन में क्रांति लाने की जरूरत है.. हम पीएमओ मोबाइल एप के लिये विचार आमंत्रित करने को लेकर माईगाव डॉट इन के जरिये प्रतिस्पर्धा शुरू करेंगे.’’
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ गंगा या कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता से अपने विचार रखने के लिये माईगाव वेबसाइट शुरू की है.
सरकार इसमें बेहतर विचार के चयन के लिये वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गज गूगल के साथ काम करेगी और फिर उस टीम को अमेरिका भेजा जाएगा.
मोदी ने कहा, ‘‘दूसरा हिस्सा समूचना सॉफ्टवेयर का विकास करना होगा. मैं चाहूंगा कि मेरे विभाग को प्रौद्योगिकी की मदद मिले.’’
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