पाक, आतंकवादियों ने बनाया चुनावों के लिए माहौल: मुफ्ती

Last Updated 01 Mar 2015 08:11:00 PM IST

मुफ्ती मोहम्मद सईद ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों और सीमा पार के लोगों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाया.


मुफ्ती मोहम्मद सईद (फाइल)

उनका परोक्ष इशारा पाकिस्तान की तरफ था जिसकी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा से रूख साफ करने को कहा.
     
सईद ने जम्मू में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘मैं ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं और मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए हमें हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों को श्रेय देना चाहिए.’’

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए.
     
भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और नये कैबिनेट मंत्री हसीब द्राबू के साथ सईद ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने (आतंकवादियों ने) कुछ किया है तो भगवान माफ करे. ठीक तरीके से चुनाव कराना संभव नहीं हो पाता.’’
     
सईद ने कहा कि उन्हें गर्व है कि श्रीनगर के लोग काफी संख्या में वोट डालने आए और उन्होंने ठीक तरीके से चुनाव कराने की खातिर ‘‘बेहतर माहौल बनाने के लिए’’ ‘‘सीमा पार के लोगों का’’ धन्यवाद किया.
     
पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पार के लोगों ने बेहतर माहौल बनाया. उन्होंने राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया होने दी. इससे हमें उम्मीद बंधती है.’’
     
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सईद की टिप्पणी की आलोचना की और भाजपा से उसका रूख स्पष्ट करने को कहा.
     
सईद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकवादियों ने शांतिपूर्ण चुनाव होने दिया.’’ उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें उनकी उदारता के प्रति आभारी होना चाहिए.
     
उमर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘प्रिय भाजपा फॉर इंडिया, कृपया सुरक्षा बलों और चुनाव कर्मियों की भूमिका के बारे में बताएं क्योंकि आपके मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने चुनाव कराने की अनुमति दी.’’
     
जम्मू में भाजपा कार्यकर्ताओं के जश्न मनाने पर उमर ने फिर से ट्वीट कर लिखा, ‘‘या जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए महज पाकिस्तान का धन्यवाद किया जा रहा है.’’
     
पाकिस्तान का जिक्र करते हुए सईद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनके पास भी हुर्रियत जैसे कट्टरपंथी तत्व हैं. अगर उन्होंने कुछ किया होता तो इतनी संख्या में लोगों की भागीदारी संभव नहीं होती.’’
     
सईद ने कहा कि उन्हें गर्व होता है कि घाटी में बड़ी संख्या में लोग मतदान के लिए बाहर निकले.
     
उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद गनी लोन के मंत्रिमंडल में शामिल होने से दूसरों के लिए रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘सज्जाद गनी लोन ने दूसरों (अलगाववादियों) के लिए रास्ता खोला है.’’
     
उन्होंने कहा कि शासन के लिए शांति अनिवार्य है.
     
उन्होंने कहा, ‘‘अगर जम्मू-कश्मीर में विकास का मॉडल चाहिए जैसा कि गुजरात में लोग ‘अच्छे प्रशासन’ के लिए कहते हैं तो शांति होना अनिवार्य है.’’
     
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को महान राजनेता बताते हुए सईद ने कहा कि सरकार उनके दर्शन ‘‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ को आगे बढ़ाएगी.
     
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हुर्रियत और अलगाववादियों के भी अपने विचार हैं. हमने उन्हें घरों में बंद नहीं रखा.’’
     
सईद ने कहा कि भाजपा और पीडीपी ने साथ काम करने के लिए एक अच्छी टीम बनाई है.
     
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास ने हमें मौका दिया है. कश्मीर हर प्रधानमंत्री के समक्ष एक समस्या रही है चाहे वह नेहरू हों, शास्त्री हों, मोरारजी हों या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों. हम इसे बदलना चाहते हैं. हम इस गठबंधन को बदलाव का बिंदु बनाना चाहते हैं ताकि लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें.’’
     
सईद ने कहा कि लोग चाहें अथवा नहीं चाहें लेकिन ‘‘उत्तरी धुव और दक्षिणी ध्रुव’’ के लोगों को साथ लाने का निर्णय उनका है.
     
उन्होंने कहा कि कश्मीर एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य था जिसने जिन्ना के सिद्धांत को नकार दिया और भारत में विलय कर लिया.
     
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में पूर्ण स्वायत्ता और जम्मू में ‘एक प्रधान, एक विधान, एक निशान.’ ऐसा हुआ है. हम कश्मीर के लोगों को देश के शेष हिस्से से जोड़ना चाहते हैं, कश्मीर को जम्मू से जोड़ने का उद्देश्य क्या है? इतिहास ने हमें मौका दिया है. कश्मीर में हमारे पास बहुमत है, भाजपा को जम्मू में 25 सीटें मिली हैं.’’




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