नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की अलग-अलग राय

Last Updated 27 Feb 2015 11:54:49 PM IST

राहुल गांधी के अचानक छुट्टी पर चले जाने से कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि इस मुद्दे पर पार्टी के सभी नेताओं के सुर अलग-अलग हैं.


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कुछ का मानना है कि राहुल पार्टी के शीर्ष पद पर आसीन हों और कांग्रेस में चल रहे दो शक्ति केन्द्रों की मौजूदा व्यवस्था को समाप्त करें जबकि अन्य लोगों के विचार से सोनियां गांधी को अभी अवकाश ग्रहण नहीं करना चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष के अवकाश ग्रहण करने की सलाह को पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार \'\'पूरी तरह से अवांछित और बेहद बदमजा\'\' बताते हुए कहा कि पार्टी को \'\'इस नाजुक मोड़ पर समेकित नेतृत्व की आवश्यकता है.\'\'

हालांकि एक अन्य पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश का मानना है कि राहुल गांधी एक बार जब शीर्ष पद पर आसीन हो जाएंगे तो फैसले लेने लगेंगे और सोनिया गांधी जैसा नेतृत्व प्रदान करेंगे.

कांग्रेस उपाध्यक्ष के करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य रमेश ने कहा, \'\'यह निर्णय उनपर, कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस कार्य समिति और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति पर निर्भर है लेकिन मेरा विचार है कि जब वह पद संभालेंगे तो वह निर्णयात्मक होंगे. मुझे लगता है कि वह श्रीमती गांधी जैसा ही नेतृत्व प्रदान करेंगे.\'\'

राहुल के अचानक छुट्टी पर चले जाने के बारे में रमेश ने कहा, \'\'मुझे लगता है, या जहां से मैं सोचता हूं, वह कांग्रेस को पुन:जीवित करने के विस्तृत ब्लूप्रिंट पर काम कर रहे हैं. यह 2014 की चुनावी हार के मद्देनजर है.\'\' रेखांकित करते हुए कि एक पार्टी के भीतर फैसला करने वाली दो संस्थाएं नहीं हो सकतीं, नौ बार के लोकसभा सदस्य कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि राहुल को पार्टी की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

इस संबंध में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राहुल को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है और \'\'दिल्ली में कुछ शक्तिसंपन्न लोग\'\' उनके सुधार संबंधी फैसलों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

हालांकि अश्विनी कुमार पूरी तरह से दिग्विजय सिंह के विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है, \'\'राहुल गांधी पार्टी उपाध्यक्ष हैं. वरिष्ठ नेता अपने विचार रखने को स्वतंत्र हैं लेकिन इसका मतलब राहुल गांधी के फैसलों को बाधित करना नहीं है. मुझे नहीं लगता कि यह सलाह सही है.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'बतौर उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास अधिकार है कि वे उन सलाहों को खारिज कर सकते हैं, जो उन्हें पसंद ना आएं. कोई उनके विचारों को नहीं रोक सकता.\'\' कुमार ने कहा कि सोनिया ने पार्टी को \'\'उदाहरणीय नेतृत्व\'\' प्रदान किया है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मुद्दों पर पार्टी अध्यक्ष और राहुल के दृष्टिकोण में फर्क हो सकता है.

उन्होंने कहा, \'\'सोनिया गांधी ने पार्टी को उदाहरणीय नेतृत्व प्रदान किया है और इस नाजुक मोड़ पर हमें साथ मिलकर पार्टी को बनाने की जरूरत है. राहुल गांधी की ऊर्जावान भूमिका के साथ-साथ उनकी प्रबंधन क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है. और प्राकृतिक रूप से कभी ना कभी राुहल पार्टी अध्यक्ष का पद संभालेंगे ही.\'\' सोनिया गांधी के अवकाश ग्रहण करने की सलाह को उन्होंने \'\'पूरी तरह अवांछित और बेहद अरूचिकर\'\' बताया.

यह पूछने पर कि क्या उन्होंने पार्टी मुद्दों को निपटाते हुए सोनिया और राहुल में मतभिन्नता देखी है, जैसा कि पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है, अनी कुमार ने कहा, \'\'नहीं.\'\' उन्होंने कहा, \'\'मैंने कभी नहीं देखा कि कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच अधिकारों के बंटवारे को लेकर पार्टी का कोई महत्वपूर्ण फैसला रूका हो. हालांकि कुछ मुद्दों पर उनके दृष्टिकोण में अंतर हो सकता है.\'\'

टीम राहुल के महत्वपूर्ण सदस्य और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख सचिन पायलट ने कहा कि फिलहाल सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं और राहुल गांधी उपाध्यक्ष. उन्होंने कहा, \'\'यदि कोई बदलाव हुआ तो आपको पता चल जाएगा.\'\'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ऐसे वक्त में सोनिया को \'\'अवकाश ग्रहण\'\' नहीं करना चाहिए और \'\'पहले की भांति सक्रि य रहना चाहिए.\'\' पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणियां ऐसे वक्त में आयी हैं जब राहुल की पदोन्नति को लेकर अटकलबाजी चल रही है.

हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी हलकों में चर्चा चल रही है कि बेंगलुरू में प्रस्तावित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में राहुल पार्टी पार्टी की कमान संभाल सकते हैं. 

हालांकि पार्टी राहुल को पार्टी का शीर्ष पद सौंपे जाने पर अलग सुर अलाप रही है, लेकिन उनके छुट्टी पर जाने के समय को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जयराम रमेश ने कहा, \'\'व्यक्तिगत रूप से मैं उन्हें संसद के वर्तमान सत्र में देखना पसंद करता .\'\'

इसबीच दो महीने से चल रहा पार्टी का सदस्यता अभियान जिसे कल समाप्त होना था, उसे कुछ सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है.  इस आशय की घोषणा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने की. उन्होंने कहा कि 13 जनवरी को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी के केन्द्रीय चुनावी प्राधिकार के कुछ प्रस्तावों पर विचार किया गया जिसका लक्ष्य पार्टी सदस्यता और संस्थागत चुनावों में पार्टी का कामकाज सुधारना है. कांग्रेस समिति की अगली बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा और फैसला होगा.



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