कर्ज माफी का मुद्दा प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगी ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह राज्य के कर्ज माफी मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएंगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल) |
बनर्जी ने मोदी के पदभार ग्रहण किए जाने के बाद नौ महीने में पहली बार उनसे मिलने की इच्छा जताई है.
राज्य विधानसभा में बजट पेश किए जाने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बीते नौ महीने में मेरी प्रधानमंत्री से कोई बात नहीं हुई. राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा की तरह मैं भी वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिली हूं.’
उन्होंने कहा, ‘14वें वित्त आयोग की सिफारिशें आ गई हैं इसलिए मैं कर्ज पुनर्भुगतान का मुद्दा उठाउंगी.’
बनर्जी ने कहा, ‘हम कर्ज भुगतान में छूट चाहते हैं क्योंकि हम इसे पिछली वाम मोर्चा सरकार से ढो रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब भी हम यह मुद्दा उठाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार के वित्त मंत्रियों (प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम) से मिलते थे, हमसे 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों तक इंतजार करने करने को कहा जाता था.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ हमारी बैठकों में भी हमसे यही बात कही गई लेकिन सिफारिशों में हमारी मांग की पूरी तरह अनदेखी की गई.’
राज्यों को दिए जाने वाले राजस्व हिस्से में बढ़ोतरी का जिक्र किए जाने पर मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘केंद्र सरकार की अनेक योजनाएं बंद होंगी और वास्तव में कोई फायदा नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमने साढ़े तीन साल तक इंतजार किया और अब हमारी आंखें खुल चुकी हैं. हम अपनी उचित मांग उठाएंगे.’
मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘अगर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य भी हमारी तरह कर्ज जाल में फंसते तो भी क्या केंद्र का रवैया ऐसा ही रहता?’
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने ‘वित्तीय अनुशासनहीनता का अपराध किया तो हमारी सरकार को सजा क्यों मिले?’ पिछले साल ब्याज भुगतान के रूप में राज्य के खजाने से 28,000 करोड़ रुपये चले गए.
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