कांग्रेस सरकार की विफलता की स्मारक मनरेगा को बंद नहीं करूंगा, देश संविधान के दायरे में ही चलेगा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस पर बड़े ही आक्रामक अंदाज में कटाक्ष किया और कहा कि वह मनरेगा को बंद करने की गलती नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि देश संविधान के दायरे में ही चलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) |
मोदी ने कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि उनमें और कुछ हो न हो, इतनी राजनीतिक सूझबूझ तो है कि वह सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली पार्टी की ‘विफलता के जीते जागते स्मारक मनरेगा’ को बंद करने जैसी गलती करने की बजाए गाजे बाजे के साथ इसका ढोल पीटते रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि देश संविधान के दायरे में चलेगा. किसी को धर्म के आधार पर भेदभाव का अधिकार नहीं दिया जाएगा.
संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मनरेगा को हाशिये पर डालकर उसे धीरे-धीरे बंद करने की कांग्रेस की आलोचनाओं का शुक्रवार को अपने खास आक्रामक अंदाज में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अक्सर लोग मेरी क्षमताओं को लेकर कहते हैं कि मोदी यह कर सकता है, ये नहीं कर सकता है. और कुछ हो न हो, मेरी राजनीतिक सूझबूझ तो है और वह सूझबूझ कहती है कि मनरेगा को बंद मत करो. मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता.’’
कांग्रेसी सदस्यों के साथ ही इस पर पूरे सदन में ठहाके गूंजे लेकिन इसके फौरन बाद मोदी ने जो कहा, उसे सुनकर कांग्रेस के सदस्य सकते में आ गए.
मोदी ने कहा, ‘‘.. क्योंकि मनरेगा आपकी विफलता का जीता जागता स्मारक है और मैं पूरे गाजे बाजे के साथ इसका ढोल पीटता रहूंगा. और कहूंगा कि देश की आजादी के 60 साल बाद आपने लोगों को गढ्ढे खोदने और गढ्ढे भरने के काम में लगाया. इसलिए मनरेगा ‘आन बान शान’ के साथ रहेगा और गाजे बाजे के साथ इसका ढोल बजाया जायेगा. यह एक विफलता का स्मारक है.’’
सदन में सोनिया गांधी की उपस्थिति के बीच अपने व्यंग्य बाण जारी रखते हुए मोदी ने कहा, ‘‘लोगों को पता तो चले कि ऐसे खंडहर कौन खड़े करके गया है? ’’ उनकी इस बात पर सत्तापक्ष में ठहाके गूंजे और मेजें थपथपाकर मोदी के इस कटाक्ष का स्वागत किया गया, वहीं विपक्ष में पूरी तरह से खामोशी छा गयी.
बाद में सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने मनरेगा पर मोदी की टिप्पणियों पर सख्त एतराज जताते हुए कहा, ‘‘मनरेगा जैसे कार्य का मजाक उड़ाया है. गरीबों का मजाक उड़ाया है. यह ठीक नहीं है.’’
प्रधानमंत्री ने साम्प्रदायिकता को सिरे से खारिज करते हुए सदन में कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और देश संविधान के दायरे में चलेगा.
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा, ‘‘किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने का अधिकार नहीं है. हमारा संविधान हजारों सालों के चिंतन की अभिव्यक्ति है. देश संविधान के दायरे में चलेगा और किसी को कानून अपने हाथों में लेने का अधिकार नहीं है. मेरी जिम्मेदारी है कि सरकार कैसे चले.’’
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘साम्प्रदायिकता के नाम पर अनाप-शनाप बोलने वालों को कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है. भारत सबसे पहले, एक ही धर्मग्रंथ है. भारत का संविधान, एक ही भक्ति है. भारत भक्ति, एक ही पूजा है.. सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण.’’
मोदी ने अपनी भूमिका के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि 27 अक्तूबर 2013 की पटना की गांधी मैदान की रैली में बम धमाकों के बीच ‘तब मैंने क्या कहा था.. हिन्दुओं को किससे लड़ना है. मुसलमानों से या गरीबी से. और मुसलमानों को किससे लड़ना है.. हिन्दुओं से या गरीबी से. बहुत हो गया, आइए हम सब मिलकर गरीबी से लड़े.’
मोदी ने कहा, ‘‘राजनीतिक कारणों से साम्प्रदायिकता ने देश को तबाह किया है. दिलों को तोड़ने का प्रयास किया है.. अब सवाल पूछे जा रहे हैं हमारी भूमिका पर.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कृपा करके काल्पनिक बातों को लेकर बयानबाजी करना बंद करें. यह देश विविधताओं से भरा है और विविधता में एकजुटता ही हमारी ताकत है. हम एकरूपता के पक्षधर नहीं है बल्कि एकता के पक्षधर हैं. सभी सम्प्रदायों का फलना फूलना भारत की ही धरती पर होता है.’’
गौरतलब है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कई दलों के सदस्यों ने यह शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री ने साम्प्रदायिकता के बारे में संसद में कुछ नहीं कहा.
मोदी ने कहा, ‘‘हम देश को संविधान के ढांचे के दायरे में आगे बढाना चाहते हैं. हम झंडे के रंग को देखकर देश का विकास नहीं करते, हम तो सिर्फ देश के तिरंगे के रंग को देखते हैं, किसी अन्य रंग को नहीं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह कहते है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ तो राष्ट्र के विकास में हमें सबका सहयोग चाहिए.
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