25 सदस्यीय कैबिनेट का नेतृत्व करेंगे मुफ्ती, शपथ-ग्रहण में शामिल होंगे पीएम मोदी

Last Updated 27 Feb 2015 09:15:03 AM IST

पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर की 25 सदस्यीय कैबिनेट का नेतृत्व करेंगे और रविवार को जम्मू में आयोजित होने वाले उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.


पीएम मोदी से मिले सईद (फाइल फोटो)

25 सदस्यीय इस कैबिनेट में लगभग आधे मंत्री भाजपा के होंगे.

अनुच्छेद 370 और आफस्पा जैसे मामलों पर मतभेद सुलझने और पीडीपी और भाजपा के बीच समझौता होने के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने से पहले 79 वर्षीय सईद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. इसके साथ ही दोनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर दो महीने तक चली वार्ता समाप्त हो गई.

उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार सईद 25 सदस्यीय कैबिनेट का नेतृत्व करेंगे जिसमें उप मुख्यमंत्री के पद समेत भाजपा के 12 मंत्री होंगे. भाजपा पहली बार राज्य में सरकार का हिस्सा बनने जा रही है.

सईद और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक करीब एक घंटे तक चली. इस दौरान पीडीपी के मुख्य वार्ताकार हसीब द्राबू भी मौजूद थे. इस दौरान सईद ने प्रधानमंत्री को रविवार को जम्मू में आयोजित होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया.

मोदी और सईद ने मुस्कुराते हुए और एक दूसरे को गले लगाते हुए फोटो खिंचवाए. ये फोटो कुछ ही मिनटों में सोशल नेटवर्कों पर ट्रेंड करने लगे.

सईद ने 7, रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने प्रधानमंत्री को समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया है और उन्होंने हामी भर दी है.’’

सईद ने अनुच्छेद 370 और सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) जैसे विवादास्पद मुद्दों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) रविवार अपराह्न तीन बजे घोषित कर दिया जाएगा.

सईद ने कहा कि एक साझा आधार और एक साझा एजेंडा तैयार करने के लिए दो महीने तक काफी चर्चा हुई. उन्होंने पीडीपी-भाजपा गठबंधन को ‘‘उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के साथ आने’’ के समान बताया.

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावों का जनादेश स्पष्ट है कि पीडीपी कश्मीर के लोगों और भाजपा जम्मू के लोगों की पसंद है. इसलिए हमने फैसला किया है कि हम ऐसी सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाएंगे जो राज्य के सभी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करेगी.’’

सईद ने कहा, ‘‘इस बात पर चर्चा की गई कि स्थायी सरकार कैसे बनाई जाए. पीडीपी का मानना था कि हमें इस अवसर को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए क्योंकि यह केंद्र में मौजूद उस सरकार के साथ मिला ऐतिहासिक मौका है जिसे स्पष्ट जनादेश मिला है.’’

सईद नौ वर्ष से भी अधिक समय के अंतराल के बाद सत्ता में लौटेंगे. उन्होंने मोदी के नारे का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘मैं भी सब का साथ, सब का विकास चाहता हूं.’’ उन्होंने 2002 से 2005 तक राज्य के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था.

राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और अफस्पा के बारे में पूछे जाने पर सईद ने कहा , ‘‘इन मुद्दों को छोड़ दीजिए. ये मुद्दे नहीं है. हमें यह सब करना पड़ता है... साझा न्यूनतम कार्यक्र म में ये सभी बातें शामिल होंगी जिसकी घोषणा शपथ ग्रहण के बाद की जाएगी.’’

यह पूछने पर कि क्या पीडीपी केंद्र में राजग में शामिल होगी, सईद ने कहा, ‘‘इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मंत्रियों के बारे में जल्द घोषणा की जाएगी. हमने साझा आधार तलाश लिया है.’’

यह पूछने पर कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) शासन के संबंध में है या राजनीतिक गठबंधन के संबंध में है, उन्होंने कहा, ‘‘यह (गठबंधन) राजनीति और शासन दोनों के लिए है. यह पहले राजनीतिक और बाद में शासन के बारे में है. यदि राजनीतिक माहौल सही होगा तभी बेहतर शासन किया जा सकता है.’’

सईद से जब पूछा गया कि क्या आगे की राह मुश्किल है, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह ठीक होगी. प्रधानमंत्री की भी एक सोच है. मुझे लगता है कि वह भी समझते हैं कि काम करने के लिए यह करना होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों को साथ लाना होगा. (पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की दृष्टि से) बाह्य आयाम देखें तो अटल बिहारी वाजपेयी की नीति को आगे बढाया जाना चाहिए. मोदीजी ने सहमति जताई है.’’

सईद ने कहा कि उनका मकसद (जख्मों पर) मरहम लगाना है क्योंकि इतने बड़े देश के एक हिस्से में नाराजगी कायम रहना अच्छी बात नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना यह है कि वह मौका आ गया है जब जम्मू क्षेत्र और कश्मीर क्षेत्र साथ आएंगे. यदि भाजपा को जम्मू और पीडीपी को कश्मीर घाटी में जनादेश मिला है तो इसका अर्थ यह हुआ कि उनके पास लोगों का समर्थन है. उनकी साख है. जब वे एक होंगे तो कानूनी तौर पर सही होगा. जम्मू से घाटी जाने में छह घंटे का समय लगता है लेकिन अब हमारे पास लोगों के दिलों और दिमागों को जोड़ने का अवसर है.’’

सईद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने जब 2002-03 में कश्मीर का दौरा किया था, तब उन्होंने श्रीनगर में दोस्ती की यात्रा शुरू की थी.

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पाकिस्तान की ओर यह कहते हुए दोस्ती का हाथ बढाया था कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं. इसलिए (पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज) मुशर्रफ ने भी प्रतिक्रिया दिखाई थी. कश्मीर को ‘शांति का द्वीप’ बनाना मेरा और प्रधानमंत्री का सपना है. इसलिए पाकिस्तान को इस प्रक्रिया में शामिल करना आवश्यक है.’’
सईद ने कहा, ‘‘इसलिए मैं इतिहास दोहराना चाहता हूं. आज प्रधानमंत्री के पास जनादेश है.’’

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजों में खंडित जनादेश सामने आया था. पीडीपी 28 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. वहीं भाजपा के हिस्से में 25 सीटें आई थीं. नेशनल कान्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस के खाते में 12 सीटें आई थीं.

भाजपा और पीडीपी ने पिछले दो माह से जारी वार्ता में अनुच्छेद 370, सैन्य बल विशेषाधिकार कानून , पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के पुनर्वास और पाकिस्तान एवं राज्य के अलगाववादी नेताओं से बातचीत जैसे सभी मुद्दों पर मतभेद सुलझा लिए हैं.

वर्ष 1989 में वी पी सिंह की सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके सईद को राज्यपाल एन एन वोहरा जोरावर सिंह सभागार में शपथ दिलाएंगे. वी पी सिंह सरकार को भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया था.

सईद और मोदी की मुलाकात से पहले दोनों दलों के अध्यक्षों महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) और अमित शाह (भाजपा) ने यहां बुधवार को मुलाकात की थी. इसके बाद महबूबा और शाह ने राज्य में गठबंधन की सरकार के गठन की घोषणा की थी.    

बैठक के बाद शाह ने ट्वीट किया था ‘‘ताज के रत्न’ की शोभा वापस लाई जाएगी. सुशासन और विकास सुनिश्चित करके भाजपा-पीडीपी सरकार जम्मू-कश्मीर को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी.’’

महबूबा ने कहा था कि यह सरकार सत्ता में भागीदारी करने के लिए नहीं बल्कि ‘‘राज्य के लोगों के दिलों और दिमागों को जीतने के लिए है.’’

नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएमपी जारी करने संबंधी सईद के बयान की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर के लोगों, आपको सरकार बनने तक यह पता नहीं लगेगा कि पीडीपी ने क्या बेचा है. इसके बाद क्या कर लोगे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘महबूबा मुफ्ती और नईम अख्तर ने बार बार कहा था कि गठबंधन होने से पहले सीएमपी को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. तो अब शपथ ग्रहण के बाद क्यों?’’



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