जेडीयू के अंदर कायम है लालू विरोधी धारा,JDU और RJD की दोस्ती में 'दरार'!
जनता परिवार पार्टियों के विलय की संभावना पर लालू प्रसाद यादव ने फिलहाल पानी फेरते दिख रहे हैं और अब इन दोनों ही पार्टियों की दोस्ती में 'दरार' पैदा होती दिख रही है.
लालू और नीतीश (फाइल फोटो) |
पूर्व मंत्री गौतम सिंह ने कहा कि जेडीयू को लालू प्रसाद के साथ विलय नहीं करना चाहिए, लेकिन उनकी पार्टी का फैसला होगा तो वे भी मानेंगे ही.
उन्होंने ये भी कहा कि लालू प्रसाद अपने बल पर लड़ कर देख लें. गौतम सिंह के इस बयान के बाद राजनीति गर्म हो गई. ये साफ-साफ लगा कि जेडीयू के अंदर अब भी लालू विरोध की धारा बह रही है.
दूसरी ओर,आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, 'मैं अकेला चला हूं, मुझे किसी की चिंता नहीं है. महात्मा गांधी ने कहा था, अकेले निकल, पीछे मत देखो, लोग अपने आप जुड़ते जाएंगे.'
नीतीश कुमार को बिहार का चेहरा प्रॉजेक्ट करने पर लालू सहमत नहीं हैं. नीतीश कुमार 15 फरवरी से जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ बूथ लेवल पर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करने जा रहा हैं. दूसरी तरफ लालू ने कहा कि वह अपनी छोटी बेटी राजलक्ष्मी की शादी के बाद मार्च से बिहार में अकेले ही कैंपेन की शुरुआत करेंगे. राजलक्ष्मी की शादी मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप यादव से होने वाली है.
ज्यादातर लोग पार्टी नेतृत्व पर भी सहमत हो गए थे. मुलायम सिंह को पार्टी चीफ, नीतीश कुमार को राष्ट्रीय उपाध्याक्ष, लालू कैंपेन कमिटी के चेयरपर्सन और शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी नेता पर सहमति लगभग बन गई थी.
जेडीयू सूत्रों का कहना है कि इस फॉर्मूले पर सहमति बन गई थी लेकिन बिहार में जेडीयू और आरजेडी के बीच मामला फंस रहा है. बिहार में विलय के मोर्चे पर लालू और नीतीश के बीच 'इगो क्लैश' की स्थिति है.
हालांकि जेडीयू के राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा कि विलय पर मुलायम सिंह आखिरी मुहर लगा देंगे. उन्होंने कहा कि कुछ देर हो रही है लेकिन बिहार में बीजेपी का मुकाबला जनता परिवार एक होकर करेगा.
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