आतंकी हमले की फिराक में आईएसआई
भारत में पाकिस्तान परस्त आतंकी सगंठनों की साजिश एवं योजना विफल होते देख वहां की बौखलाई खुफिया एजेंसी आईएसआई अब नए सिरे से यहां आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है.
आतंकी हमले की फिराक में आईएसआई |
इस बार उसकी योजना यहां के कुछ बड़े नेताओं, महत्वपूर्ण ट्रेनों और दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता व गुजरात, जैसे कुछ शहरों को अपने निशाने पर लेने की है. उसने श्रीलंका, नेपाल, और बंग्लादेश स्थित अपने दूतावास को मॉनिटरिंग का अड्डा बनाया है. वह बांग्लादेश में भी आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहा है. उसकी योजना थल और जल दोनों मार्गों से आतंकियों को भारत में प्रवेश कराने की है.
सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग द्वारा जो जानकारी इकट्ठा की गई है, वह बेहद संवेदनशील है. खुफिया विभाग ने सरकार के साथ-साथ देश के सीमावर्ती इलाकों के सुरक्षा तंत्रों को जो जानकारी दी है उसके अनुसार आईएसआई ने भारत पर जिस आतंकी हमले की साजिश रची है, उसका रूट मालदीव के समुद्री रास्ते और पूर्वोत्तर के रास्ते होंगे.
सूत्रों के अनुसार कश्मीर में बर्फबारी के बीच वह सीमा पार से आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश में लगा है और गोलीबारी जारी रखे हुए है, ताकि देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान इस ओर केंद्रित रहे और इसका फायदा उठाकर मालदीव के समुद्री रास्ते व पूर्वोत्तर के रास्ते आतंकियों को भारत में प्रवेश करा आतंकी हमले को अंजाम दे. वह अपने आतंकी संगठनों से मिलकर नए ढंग से हमले की तैयारी कर रहा है. वह खासतौर से श्रीलंकाई नागरिकों को इस हमले के लिए तैयार कर रहा है. इतना ही नहीं, वह षड्यंत्र को सफल बनाने के लिए श्रीलंका, मलयेशिया और मालदीव के मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर रहा है. श्रीलंका के कोलंबो और नेपाल स्थित पाकिस्तानी दूतावास इस पूरे षड्यंत्र पर पैनी नजर रखे हुए हैं.
खुफिया सूत्रों के अनुसार आईएसआई अपनी इस साजिश में कुछ हद तक सफल हो गया है और अपने प्रशिक्षित आतंकियों को विशाखापट्टनम और कोचीन स्थित नेवल बेस को टाग्रेट करने की तैयारी में जुटा है. सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग ने कुछ आतंकियों को पकड़ा है और पूछताछ कर रही है.
खुफिया सूत्रों के अनुसार आईएसआई के अला अधिकारियों ने अफगानिस्तान के आतंकी गुट के सरगना शेख खालिद हबीब उल शमी से मुलाकात की. इसके बाद लश्कर-ए-तय्यबा, इंडियन मुजाहिद्दीन और दाऊद के साथ मिलकर भारत पर आतंकी हमले करने की रणनीति बनाई गई. रणनीति को अंजाम देने के लिए आईएसआई ने कुछ तालिबानी लड़ाकुओं के साथ-साथ लश्कर के 12 व हिजबुल मुजाहिद्दीन के दस आतंकियों और कुछ दाऊद के गुगरे का चयन किया है. दाऊद के गुग्रे भारत में आतंकियों को हर प्रकार की सुविधा देंगे.
खुफिया सूत्रों के अनुसार पूछताछ में जानकारी मिली है कि आतंकियों को अलकायदा का मोहम्मद सादिक खान और सजाद तनवर ने स्वात घाटी और मालाकंद संिहत कई इलाकों में आतंकी हमले का बेहतर प्रशिक्षण दिया है. इन लोगों को इरान, बहरीन और ईराक में भी प्रशिक्षण दिया गया है. इन्हें गोताखोरी, मार्शल आर्ट सहित कई महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिए गए हैं.
खुफिया सूत्रों के अनुसार पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए टीएएमएस (टेम्स) ब्रिगेड बनाया गया है, जो नेपाल और बंग्लादेश के रास्ते भारत में प्रवेश करेंगे. इस ब्रिगेड में कश्मीर घाटी लोलाभ के तीन युवक फिरोज गुलफाम, हामिद हयात और एन नैय्यर उर्फ मास्टर ऊर्फ सकिंदर है. इन लोगों का प्रशिक्षण मुरीदके,मलकंदा बहावलपुर और मनसेरा में हुआ है.
खुफिया विभाग को मालूम हुआ है कि आतंकियों को मलकांदा में विस्फोटक बनाने और विभिन्न प्रकार के विस्फोट करने का प्रशिक्षण दिया गया है. आईएसआई इन लोगों के लिए एक से दो माह के भीतर भारत में बड़े हमले करने का टारगेट तय किया है. इनका टारगेट कुछ बड़े नेता, महत्वपूर्ण ट्रेनें, पंजाब के कुछ रेलवे स्टेशन, न्यायालय, पेट्रोलियम रिफाईनरी, पावर प्लांट और एटोमिक एनर्जी जैसे संस्थान हैं. दिल्ली का नेशनल डिफेंस कॉलेज और यहां का सीबीआई मुख्यालय भी आतंकी निशाने पर है.
सूत्रों के अनुसार आईएसआई के निशाने पर दिल्ली के अलावा मुंबई और गुजरात भी हैं. खुफिया सूत्रों के अनुसार इसमें दिल्ली, मुंबई और गुजरात के बड़े-बड़े टैक्सी स्टैंड, गराज और स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी भी मददगार होंगे क्योंकि आईएसआई ने सिमी के माध्यम से इन सबों को भी साध रखा है. अलग-अलग शहरों में अलग-अलग समय पर आतंकी हमले हो सकते हैं. खुफिया विभाग को जानकारी मिली कि हमले को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से आतंकियों के फेसबुक और ई-मेल पर एकांउट भी हैं जिनकी संख्या करीब चार दर्जन है.
| Tweet |