1000 रु. की न्यूनतम पेंशन में आया झोल
एक सितम्बर को बड़ा ढोल पीटकर शुरू की गई न्यूनतम 1000 रुपए की मासिक पेंशन योजना में झोल आ गया है.
1000 रु. की न्यूनतम पेंशन में आया झोल |
पूरे देश में रिटायर श्रमिकों को शाल देने के साथ मिठाई खिलाकर केंद्रीय मंत्रियों से बंटवाई गई इस पेंशन के बाद सरकार अब सबको एक हजार रुपए देने के वादे से मुकरने लगी है. सरकार की दलील यह है कि जिन व्यक्तियों ने पेंशन का कुछ हिस्सा पहले ले लिया है उन्हें एक हजार रुपए की पेंशन नहीं दी जा सकती.
दिलचस्प यह है कि जब देश में 47 स्थानों पर केंद्रीय मंत्रियों ने बड़े समारोह करके इस पेंशन को बांटा था तब यह बात लिखित रूप में भी बहुत जोर देकर कही गई थी लाखों लोगों को एक हजार पेंशन की सौगात दी जा रही है. हालांकि पेंशन देने का आदेश पिछली यूपीए सरकार कर गई थी लेकिन मोदी सरकार ने इसका श्रेय यह कहते हुए लिया कि धन हमारी सरकार ने दिया है.
दिलचस्प यह है कि कभी भी यह नहीं कहा गया कि पेंशनधारकों में भेद किया जाएगा. दिल्ली में जब एक सितम्बर को यह पेंशन बांटी गई तो यह कहा गया था कि यहां 56 हजार श्रमिकों की पेंशन 1000 रुपए से कम रही है और 20 हजार श्रमिकों की पेंशन 500 रुपए से कम रही है, उन सबको अब न्यूनतम एक हजार रुपए मासिक मिलेंगे. सभी जगहों पर यह राग भी अलापा गया कि 49 लाख पेंशन धारक हैं और सब का भला होगा.
पेंशन के मुद्दे पर लंबा संघर्ष करने वाले आरएसएस के संगठन बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय भी कहते हैं कि जब पेंशन देने की बात हुई थी तब ऐसी कोई बात नहीं थी कि सबको एक हजार रुपए नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सभी यह मानकर चल रहे थे कि सबको समान पेंशन मिलेगी. बीएमएस नेता ने कहा कि बैठक में श्रम सचिव ने भी स्वीकार किया कि श्रम विभाग के अफसर भी एक हजार रुपए की समान पेंशन की बात कहते थे.
उपाध्याय बताते हैं कि समान पेंशन का मुद्दा प्रमुख मुद्दा है, जो सरकार के एजेंडा में नहीं था, उन्होंने कहा कि हाल की बैठक में सरकार से इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अभी यह संख्या नहीं बता सकी है कि कितने श्रमिकों ने पहले पेंशन का कुछ हिस्सा निकाल लिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार को कहा गया है कि पहले सभी श्रमिकों को 1000 रुपए की न्यूनतम पेंशन पर लाया जाए क्योंकि यह सरकार का वादा है. बीएमएस नेता ने कहा कि सबको 1 हजार की पेंशन पर लाने के बाद उस राशि की कटौती की जाए जिसे श्रमिक ने पहले ले लिया है.
प्रचलित नाम स्कीम 95
एक हजार रुपए की पेंशन कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत आने वाले श्रमिकों पर लागू होती है. जिसका प्रचलित नाम स्कीम 95 है. इसका लाभ रिटायर श्रमिकों के साथ-साथ उनकी विधवाओं और नाबालिग बच्चों को भी मिलता है. 1 सितम्बर 2014 से लागू हुई एक हजार रुपए की इस पेंशन के लिए अभी वित्त मंत्रालय ने एक साल (2014-15) के लिए ही धन दिया था. सरकार वादा कर रही है कि नए वित्त वर्ष 2015-16 में भी इसके लिए धन देगी.
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