यूपी के बाद अब गुजरात में 200 ईसाइयों का धर्मातरण कर बनाया हिंदू: विश्व हिंदू परिषद

Last Updated 21 Dec 2014 08:28:04 AM IST

विश्व हिंदू परिषद ने यूपी के बाद अब गुजरात में 200 ईसाइयों की ‘घर वापसी’ कराकर फिर से हिंदू बनाए जाने का दावा किया है.


धर्मांतरण

माना जा रहा है कि यह दावा संगठन के एक स्थानीय नेता ने किया है. हालांकि संगठन ने यह भी कहा कि पुनर्धर्मांतरण ऐच्छिक था, इसमें किसी से कोई जोर-जबरदस्ती या लालच का प्रयोग नहीं किया गया था.

वीएचपी के वलसाड जिले के प्रमुख नातु पटेल ने बताया, 'फिलहाल चल रहे घर वापसी अभियान के तहत परिषद ने ईसाई समुदाय के 225 लोगों को वापस हिन्दू धर्म में शामिल किया है.' उन्होंने बताया कि विहिप ने आदिवासियों की हिन्दू धर्म में वापसी से पहले उनके शुद्धीकरण के लिए एक महायज्ञ का आयोजन किया था. वीएचपी के अन्य कार्यकर्ता अशोक शर्मा ने बताया कि घर वापसी कार्यक्रम में करीब 3,000 लोगों ने भाग लिया.

धर्मांतरण विरोधी कानून के पक्ष में नहीं हैं ईसाई

दिल्ली के आर्चबिशप ने कहा कि ईसाई समुदाय किसी धर्मांतरण विरोधी कानून के पक्ष में नहीं है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कुछ संगठनों का ‘घर वापसी’ अभियान शांति और सौहार्द के लिए खतरा है.

आर्चबिशप अनिल काउतो ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘धर्मांतरण अपनी पसंद से किये जाने का मामला है और संविधान के अनुरूप है. हमें धर्म की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने या धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए अलग से विधेयक की क्या जरूरत है. ईसाई ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों को सरकार के अधिकार क्षेत्र के भीतर बीपीएल कार्ड और अन्य विशेष लाभ दिये जा रहे हैं जिससे हमारी आशंका बढ़ती है कि इन तत्वों को कुछ तबकों से संरक्षण प्राप्त है.’’

विपक्षी दल सरकार पर धर्मांतरण और घर वापसी अभियानों के लिए संघ और उसके सहयोगी संगठनों को अनुमति दिये जाने का आरोप लगा रहे हैं.

आरोपों से घिरी सरकार ने पिछले हफ्ते लोकसभा में कहा था कि वह सभी राज्यों में और केंद्र में भी धर्मांतरण विरोधी कानून के पक्ष में है.

अरणाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा समेत पांच राज्यों में फिलहाल धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हैं.

ऑल इंडिया कैथलिक यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जॉन दयाल ने आरोप लगाया कि धर्मांतरण के खिलाफ कानून का प्रस्ताव अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर किया गया है.

उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रि समस के मौके पर सुशासन दिवस मनाने के सरकार के कदम से भी निराश है.

दिल्ली के आर्चबिशप ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपकर देशभर में समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव गिनाये हैं.

क्रिसमस को होने वाला धर्मांतरण रद्द
प. उत्तर प्रदेश के एक हिन्दुत्व समूह धर्म जागरण समिति ने 25 दिसंबर को तय अपना विवादित धर्मांतरण कार्यक्रम रद्द कर दिया जिसके साथ इस मुद्दे पर कई दिनों से जारी गतिरोध खत्म हो गया.

संगठन के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश नौमान ने आज फोन पर कहा, ‘‘25 दिसंबर को तय प्रस्तावित ‘घर वापसी’ (धर्मांतरण समारोह) रद्द कर दिया गया है.’’

उन्होंने हालांकि संगठन के अपने रूख से पलट जाने का कारण स्पष्ट नहीं किया.

संगठन ने क्रि समस के दिन 25 दिसंबर को एक स्थानीय कॉलेज में बड़े पैमान पर एक धर्मांतरण समारोह आयोजित करने की घोषणा की थी जिसके बाद विवाद शुरू हो गया था.
इसके बाद दो दिन पहले शहर में निषेधाज्ञा लगा दी गयी थी.

भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित समारोह में शामिल होने की अपनी योजनाओं की घोषणा की थी और कहा था कि अगर लोग अपनी मर्जी से धर्मांतरण कर रहे हैं तो उनके दोबारा हिन्दू बनने में कुछ भी गलत नहीं है.

वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष देवराज सिंह ने संवाददाताओं से कहा था ‘‘हम समारोह का आयोजन नहीं कर रहे हैं लेकिन यदि बजरंग दल समेत दूसरे आयोजक इसे लेकर हमसे मदद मांगते हैं तो हम निश्चित रूप से उनकी हरसंभव रूप मदद करेंगे.’’
 



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