एग्जिट पोल-विधान सभा चुनाव: झारखंड में बीजेपी को बहुमत और जम्मू कश्मीर में बढ़त
लोकसभा चुनावों के बाद झारखंड और जम्मू कश्मीर विधान सभा चुनावों में भी एग्जिट पोल के मुताबिक मोदी की लहर का असर साफ दिख रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
झारखंड में पांचवें और अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही विभिन्न टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल का आना भी शुरू हो गया है. इसके मुताबिक झारखंड में भाजपा अन्य पार्टियों से कहीं आगे निकलती दिखाई दे रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक यहां पर मोदी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है.
इंडिया टूडे ग्रुप और सिसरो के एग्जिट पोल में भाजपा को 41-49 सीटें, कांग्रेस को 7-11 सीटें, जेएमएम 15-19 सीटें और अन्य को 8-12 मिलती दिखाई गई हैं. झारखंड में अंतिम चरण के मतदान में 70.43 फीसद वोटिंग हुई है.
एक्सिस एपीएम के एग्जिट पोल सर्वे में भी भाजपा को राज्य में बढ़त पर दिखाया गया है. इस सर्वे में भाजपा को 37-43 सीटें, जेवीएम को 12-16 सीटें, जेएमएम को 10-14 सीटें और अन्यों को 4-8 सीटें पाते हुए दिखाया गया है.
हालांकि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सबसे आगे दिख रही है. जहां बीजेपी मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार पूरे देश में पांव मजबूत कर रही है वहीं कांग्रेस के लिए पतन का दौर जारी रहा. मालूम हो कि इस साल आम चुनाव जीतने के बाद बीजेपी महाराष्ट्र और हरियाणा में भी चुनाव जीतकर सरकार बना चुकी है.
बीजेपी ने 87 सीटों की विधानसभा में अपने दम पर बहुमत लाने के लिए मिशन 44 की शुरूआत की है. पार्टी ने इस मिशन को पाने के लिए इस बार धारा 370 या दूसरे विवादित मुद्दों से खुद को अलग रखा. पार्टी ने वोटर लिस्ट में कश्मीरी पंडितों का नाम जुड़वाने के लिए कई प्रयास किया है. लेकिन उसका बहुत लाभ नहीं मिला.
एक्जिट पोल के अनुसार अब आगे सबसे बड़ा सवाल सामने यह आएगा कि वहां सरकार किसकी बनेगी. लेकिन जानकारों के अनुसार पीडीपी कांग्रेस और दूसरे छोटे दलों की मदद से सरकार बना सकती है. हालंकि जिस तरह के परिणाम की संभावना दिख रही है उसमें राष्ट्रपति शासन की विकल्प भी खुला रहेगा. पार्टी वहां कुछ सीट जीतकर इतिहास रचना चाहती थी.
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी अगुआई में यह दूसरा चुनाव था. इससे पहले महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में भाजपा ने सभी को पछाड़कर दोनों ही राज्यों में अपनी सरकार बनाई है.
कांग्रेस का फ्लॉप प्रदर्शन जारी
दो राज्यों के विधानसभा के संभावित परिणाम संकेत दे रहा है कि कांग्रेस का पतन जारी है. जिस अंदाज में दोनों राज्यों में पार्टी की बुरी तरह हार हुई है उससे राहुल गांधी पर फिर सवाल उठेंगे जो हाल के दिनों में आलोचकों के निशानेपर रहे हैं. हालांकि अगर पीडीपी के साथ पार्टी सरकार बनाती है तो थोड़ी राहत की बात जरूर होगी.
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