वर्ड फ्लू के चलते 90 कलहंस मारे गए, पंजाब और हरियाणा में अलर्ट जारी

Last Updated 18 Dec 2014 09:10:45 PM IST

सुखना झील में मरे एक घरेलू कलहंस के मेडिकल परीक्षण में एवियन फ्लू से ग्रस्त हो जाने की पुष्टि के बाद प्रशासन ने करीब 90 कलहंस मार दिए.


वर्ड फ्लू के चलते 90 कलहंस मारे गए (फाइल फोटो)

र झील की घेराबंदी कर वहां लोगों के आने जाने पर रोक लगा दी एवं पंजाब तथा हरियाणा में अलर्ट घोषित कर दिया.

चंडीगढ़ पशुपालन विभाग के निदेशक प्रिंस धवन ने बताया कि आज शाम झील के मध्य में द्वीप पर इन कलहंसों को मार डाला गया. शहर एवं उसके आसपास वर्ड फ्लू फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कलहंस मारे गए.

\"\"धवन ने बताया कि कलहंसों को मारने के दौरान उचित रोगाणुनाशन प्रक्रिया अपनायी गयी. अगले आदेश तक इस झील में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है तथा समीप के लेक क्लब को भी फिलहाल बंद कर दिया गया.

इसी बीच सरकारी केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठन (सीपीडीओ) ने कहा कि उसने एहतियात के तौर पर अंडों और पक्षियों की आपूर्ति बंद कर दी है.

सीपीडीओ के निदेशक :उत्तरी क्षेत्र: के रवि कुमार ने कहा, ‘‘हमने  वर्ड फ्लू के डर से सभी मुगरें एवं अंडों की बिक्री रोक दी है.’’

उन्होंने बताया कि आपूर्ति 30 दिनों के लिए निलंबित रहेगी. सीपीडीओ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान समेत नौ राज्यों में सरकारी संगठनों को अंडे की आपूर्ति करता है तथा आम लोगों को भी मुर्गियां एवं अंडे बेचता है.

इससे पहले एवियन फ्लू नियंत्रण उपाय से जुड़े इस केंद्रशासित प्रदेश के नोडल अधिकारी धवन एवं विभाग के अन्य अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के साथ बैठक की जहां इन पक्षियों को मारने का निर्णय लिया गया.

सुखना झील में हाल ही 35 कलहंस मर गए थे जिनमें से एक के एवियन इंफ्लूएंजा से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई.

चंडीगढ़ प्रशासन ने एक कलहंस के एच5एन1 से मरने की पुष्टि होने के बाद अलर्ट घोषित कर दिया.



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