ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सेटेलाइट से रहेगी नजर

Last Updated 29 Nov 2014 04:39:04 AM IST

लापरवाही से वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं. ट्रैफिक के नियम तोड़ने वालों पर सेटेलाइट से नजर रखी जाएगी.


केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गड़करी (फाइल फोटो)

परिवहन विभाग के सहयोग से सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसके इस्तेमाल के बाद किसी भी लालबत्ती पर होने वाली दुर्घटना में लापरवाही करने वालों का पल भर में पता लग जाएगा. यही नहीं सड़क यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की न सिर्फ पहचान करने में मदद मिलेगी बल्कि उसे अगले चौबीस घंटे के दौरान घर पर ही चालान भेजा जाएगा. यदि चालान संबंधित अथारिटी में निर्देशित समय के अंदर जमा नहीं कराया गया तो मामला न्यायालय में चला जाएगा. वहां उसे तय जुर्माना का तीन गुना अधिक देना होगा. प्रमुख हाईवेज, पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहर के चौराहों पर कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों का संचालन और ब्योरा सेटेलाइट से हासिल किया जाएगा.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-के जयप्रकाश नारायण एपेक्स केंद्र में चल रहे तीन दिवसीय ट्रामा-2014 में शिरकत कर रहे सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) के निदेशक डा. रोहित बालूजा ने \'राष्ट्रीय सहारा\' से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी. डा. बालूजा ने कहा कि परिवहन विभाग की रजामंदी से यह भी तय किया गया है कि लाइसेंस प्रणाली को नया रूप दिया जाए. तैयार मसौदे में यह सुझाव दिया गया है कि पहली बार लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थी की कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा ली जाए. लर्निग लाईसेंस परीक्षा में यातायात नियमों का पालन करने, उल्लंघन करने पर जुर्माना करने, सड़क के दिशा निर्देशों संबंधी जबाव सही देने के साथ ही उसके स्वास्थ्य की जांच भी की जाएगी. इन दोनों जांचों में यदि वह फिट होगा तभी लाइसेंस दिया जाएगा. इस कार्य को अंजाम देने के लिए नागपुर की एक आईटी कंपनी ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है.

डा. बालूजा ने कहा कि हाईवे, रिंग रोड एवं सिटी रोड पर यातायात की निगरानी के लिए सेटेलाइट का प्रयोग किया जाएगा. सुश्रुत सेवाएं देने वाले बड़े चुनिंदा अस्पतालों में हेलीपैड का भी प्रस्ताव किया गया है. दिल्ली समेत देश के अन्य कई शहरों का सव्रे किया जा चुका है. सड़कों पर दिशा निर्देश और स्पष्ट किया जाएगा. सड़क की मरम्मत कार्य को सुनिश्चित करने के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है.

राजधानी दिल्ली के मोतीबाग, राजौरी गार्डन, आश्रम चौक, कनाट प्लेस के सभी आउटर, इनर सर्किल के प्रवेश व निकासी द्वार, बाराखंबा रोड, मायापुरी चौक, पीरागढ़ी चौक, जनकपुरी-नजफगढ़ रोड, बाहरी रिंग रोड, बाईपास, मजनू का टीला आदि इलाकों में जल्द ही सेटेलाइट का प्रयोग शुरू होगा. एम्स जेपीएन सेंटर के निदेशक डा. एमसी मिश्रा ने कहा कि दिल्ली की बात की जाए तो विभिन्न दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का कारण सिर पर चोट लगना है. इनमें टू व्हीलर चलाने वाले एवं पीछे बैठने वाले गुणवत्ता वाले हेलमेट नहीं पहनते हैं जबकि फोर व्हीलर वाहन चालकों में से 60 फीसद अब भी सीट बेल्ट और वाहन का फिटनेस तय मानकों के अनुसार नहीं कराते हैं. जो अक्सर गंभीर दुर्घटनाओं का सबब बनता है. विकसित देशों में ऐसे वाहनों के परिचालन पर पाबंदी है.

मोटर यातायात कानून में होगा संशोधन : गडकरी

यातायात के नियमों के अनुपालन नहीं करने से बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गड़करी ने कहा कि मौजूदा मोटर यातायात कानून काफी पुराना व कमजोर है. इसमें जल्द ही संशोधन होगा. कानून का स्वरूप ऐसा होगा जिसका उल्लंघन करने पर वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.

गडकरी शुक्रवार को एम्स-जेपीएन एपेक्स सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय ट्रामा-2014 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की वजह अक्सर लापरवाही से वाहन चलाना, वाहनों की  फिटनेस नहीं होन तथा यातायात के नियमों का पालन नहीं करना है. इन चूकों की वजह से हर साल कम से कम देश में डेढ़ लाख जान चली जाती है.

सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाना जरूरी है साथ ही उसका अनुपालन करने के लिए संबंधित विभाग की जिम्मेदारी तय की जाएगी. गडकरी ने कहा कि सड़क यातायात संबंधी कानून का मसौदा तैयार हो चुका है जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा. सम्मेलन के पहले दिन तीन सत्रों में व्याख्यान व पैनल डिसकशन किया गया. इन सत्रों की अगुवाई एम्स के निदेशक डा. एमसी मिश्रा, आईआरटीई के निदेशक डा. बालूजा, सीएसई की निदेशक सुनीता नारायण ने की. 

 

ज्ञानप्रकाश
एसएनबी


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