शिवसेना, बीजेपी ने सत्ता में भागीदारी पर बातचीत शुरू की, बातचीत में 10 मंत्री शामिल

Last Updated 28 Nov 2014 10:47:03 PM IST

महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में शामिल होने को लेकर शिवसेना के साथ हुई बातचीत से कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया.


शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस

महाराष्ट्र में सत्ता के बिछड़े साझीदार बीजेपी और शिवसेना कई दिन की बेरूखी के बाद सत्ता में भागीदारी पर बात करने को तैयार हुए.

समझा जाता है कि भाजपा ने शिवसेना को सरकार में पांच कैबिनेट और इतने ही राज्य मंत्री पद देने की पेशकश की है.

भाजपा नेता धर्मेन्द्र प्रधान और चंद्रकांत पाटिल आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मिले और सत्ता में भागीदारी पर चर्चा की.

महाराष्ट्र में 25 वर्ष तक सत्ता में भागीदारी के बाद भाजपा और शिवसेना ने अक्तूबर में राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीट बंटवारे को लेकर रास्ते अलग कर लिए थे.

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने बातचीत के पहले दौर में पांच कैबिनेट और इतने ही राज्यमंत्री पद शिवसेना को देने की पेशकश की है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला हुआ है कि हम शिवसेना को पांच कैबिनेट और पांच राज्य मंत्री पद की पेशकश करेंगे. जहां तक मंत्रालयों का सवाल है हम यही पेशकश कर सकते हैं. पर हां हम सरकारी निगमों (अध्यक्षता) की संख्या पर बात करने के इच्छुक हैं, जिसकी हम शिवसेना को पेशकश कर सकते हैं.’’

सूत्रों ने हालांकि शिवसेना को दिए जाने वाले विभागों का खुलासा करने से इंकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने पहले उप मुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिसे भाजपा ने अस्वीकार कर दिया था.

भाजपा सरकार के सत्ता में आने के करीब एक महीने बाद दोनो पूर्व सहयोगियों में यह मुलाकात हुई है. हालांकि इस एक महीने में दोनो ही तरफ के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे.

राकांपा ने राज्य में भाजपा की अल्पमत सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की थी, लेकिन भाजपा शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी का समर्थन न लेने के अपने फैसले पर अडिग रही, जिसपर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाना साधा था.

भाजपा पर अपने बिछड़े सहयोगी से बातचीत करने का खासा दबाव था क्योंकि जब तब उसके राकांपा से समर्थन लेने की खबरें आ रही थीं.

सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं ने पिछले पखवाड़े से ही इस बातचीत की भूमिका बनानी शुरू कर दी थी, जब उन्होंने शिवसेना को भाजपा का नैसर्गिक भागीदार बताया.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कल कहा कि पार्टी शिवसेना के साथ फिर हाथ मिलाने की इच्छुक है. हालांकि मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर उद्धव ने चुप्पी साधे रखी और इतना भर कहा कि वह भाजपा से तभी बात करेंगे, जब वह औपचारिक बातचीत शुरू करेगी.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि 30 नवंबर अथवा एक दिसंबर को फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसके एक सप्ताह बाद आठ दिसंबर से नागपुर में नयी विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन शुरू होगा.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment