उल्फा ने मोदी के सामने समयसीमा रखी, पुलिस प्रमुख ने कहा ‘नियमित धमकी’

Last Updated 28 Nov 2014 08:33:05 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उल्फा ‘आई’ ने 2003 के भूटान अभियान के बाद से लापता 26 सदस्यों के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए 45 दिनों की समयसीमा रखी है.


नरेंद्र मोदी

यह धमकी मोदी के दो दिवसीय असम दौरे से पहले आयी है. हालांकि राज्य पुलिस प्रमुख ने ‘नियमित रूप से दी जाने वाली धमकी’ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया है.

उल्फा ‘आई’ प्रमुख परेश बरूआ ने ईमेल किए बयान में कहा, ‘हम मांग करते हैं कि हमें 10 जनवरी, 2015 तक सूचना मुहैया कराई जाए अथवा हम भाजपा के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की शुरूआत करेंगे और अगले विधानसभा चुनाव में 84 सीटें हासिल करने के उसके सपने को चकनाचूर कर देंगे.’

असम के पुलिस महानिदेशक खगन शर्मा ने संवादाताओं से कहा, ‘सत्तारूढ़ दल को आमतौर पर इस तरह की धमकियां मिलती रही हैं. सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान हमेशा ही आतंकवादियों का शत्रु होता है.’

शर्मा ने कहा, ‘परेश बरूआ के अपने हित हैं. उसका बयान किसी मकसद के साथ आता है.’

प्रधानमंत्री दो दिनों के असम यात्रा पर 29 नवंबर को पहुंचेंगे.

परेश बरूआ ने बयान में कहा, ‘उनकी यात्रा की पूर्व संध्या पर हम लापता सदस्यों के बारे में सूचना की मांग करते हैं क्योंकि परिवार के सदस्य और संगठन दोनों को यह जानने का हक है कि वे जिंदा हैं या मारे जा चुके हैं.’

उल्फा के हमला करने की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिदेशक शर्मा ने कहा, ‘पहले के मुकाबले बहुत कम है. क्षमता न्यूनतम है.’

शर्मा ने कहा, ‘उग्रवादी बड़े चुनिंदा निशाने का प्रयास करते हैं और जब वे नाकाम होते हैं तो फिर आसान निशानों की ओर जाते हैं. असम पुलिस चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अब पहले से बेहतर हो चुकी है.’

 

 

 



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