सार्क में मोदी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर दे सकते हैं जोर
सार्क शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) अपनाने का सुझाव दे सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल) |
बुधवार से काठमांडो में शुरू हो रही दक्षिण ऐशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उग्रवादी हिंसा को नियंत्रित करने के लिए भारत के पड़ोसियों से सहयोग मांगने के साथ आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ अपनाने का सुझाव दे सकते हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की ओर से आतंकवाद के खिलाफ जोरदार ढंग से बात रखे जाने की संभावना है जो कि सार्क के अधिकतर देशों को प्रभावित किए हुए है.
सूत्रों के अनुसार मोदी इस बात को प्रमुखता से रख सकते हैं कि भारत आतंकवाद के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है और इसलिए वह इसके विरूद्ध ‘शून्य सहिष्णुता’ का रूख अपनाने जा रहा है और अन्य सभी देशों को भी यही रूख अपनाना चाहिए.
इस शिखर बैठक में व्यापार के उदारीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और जलवायु परिवर्तन से निपटने के मुद्दों पर गहन विचार होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मोदी सार्क को मजबूत किए जाने पर बल दे रहे हैं.
दक्षेस में बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान शामिल हैं.
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