संसद का शीतकालीन सत्र शुरु, मुरली देवड़ा को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा और लोकसभा स्थगित

Last Updated 24 Nov 2014 08:40:47 AM IST

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ, राज्यसभा के वर्तमान सदस्य और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली देवड़ा को श्रद्धांजलि देने के बाद आज सदन की कार्यवाही उनके सम्मान में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.


संसद (फाइल फोटो)

मुरली देवड़ा का आज तडके मुंबई में निधन हो गया था.सदन ने अपने तीन पूर्व सदस्यों लेखराज बच्चानी. सरदार जगदेव सिंह तलवंडी . एस एस राजिन्द्रन तथा योग के क्षेत्र की महान हस्ती बी के एस अय्यंगर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नये सदस्य मेघराज जैन को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई.

इसके बाद दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने श्री देवडा के सम्मान में सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

प्रधानमंत्री को उम्मीद, शीतकालीन सत्र होगा सार्थक

श्री देवड़ा को श्रद्धांजलि देते हुए श्री अंसारी ने कहा कि वह जाने माने उद्योगपति . समाजसेवक और सांसद थे. श्री देवेडा 1977 में मुंबई के महापौर बने और इसके बाद 1982 में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य चुने गये. वह 8वी. 9वीं 10 वी और 12वीं लोकसभा के सदस्य रहे.

श्री देवड़ा राज्यसभा के लिए भी तीन बार चुने गये. वह महाराष्ट्र की ओर से अप्रैल 2002 में  2008 में  और फिर 2014 में राज्यसभा के लिए चुने गये1 उनका मौजूदा कार्यकाल गत अप्रैल में शुरू हुआ था.

श्री देवड़ा कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे और उन्होंने केन्द्र में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सहित विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला.

सभापति ने कहा कि श्री बचानी ने 1992 में गुजरात विधानसभा की सदस्यता के साथ अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे1 उन्होंने अप्रैल 2002 से 2006 तक राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया.

सामाजिक कार्यकर्ता रहे सरदार तलवंडी ने 1967 में पंजाब विधानसभा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की. वह छठी लोकसभा के सदस्य रहे और 1980 से 1986 तक उन्होंने राज्यसभा में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया.

सिने कलाकार और साइन आर्टिस्ट एस एस राजिन्द्रन पहली बार 1962 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गये 1 उन्होंने अप्रैल 1970 से 1976 तक राज्यभा में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया.

सदन ने योग क्षेत्र की जानी मानी  हस्ती रहे श्री अय्यंगर को भी श्रद्धांजलि दी. श्री अंसारी ने कहा कि उनके निधन से योग की दुनिया को भारी क्षति हुई है.

श्री अयंगर को पद्मश्री. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानिक किया गया था. उन्होंने योग के बारे में कई पुस्तकें भी लिखी थी.

लोकसभा भी स्थगित

लोकसभा के दो वर्तमान सदस्यों हेमेंद्र चंद्र सिंह और कपिल कृष्ण ठाकुर तथा सात पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन ने हेमेंद्र चंद्र सिंह और कपिल कृष्ण ठाकुर के अलावा पूर्व सदस्यों अमिताभ नंदी. एम एस संजीवी राव. महंत अवैद्यनाथ. सैफुद्दीन चौधरी. संजय सिंह चौहान. ब्रह्म दत्त और मुरली देवडा को श्रंद्धाजलि देते हुए मौन रखा.

श्री हेमेंद्र चंद्र सिंह ओडिशा के कंधमाल सीट से और श्री ठाकुर पश्चिम बंगाल के बनगांव से 16वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

इसके साथ ही जम्मू.कश्मीर में आयी भीषणकारी बाढ. आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में आये चक्रवाती तूफान हुदहुद और पटना में दशहरा मैदान पर मची भगदड में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गयी.

इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपचुनावों में निर्वाचित नए सदस्यों को शपथ दिलायी गयी. श्रीमती रंजनबेन भट्ट. डा. सुश्री प्रीतम गोपीनाथ मुंडे और तेज प्रताप सिंह यादव ने शपथ थी.

श्रीमती भट्ट गुजरात के वडोदरा से. श्रीमती प्रीतम मुंडे महाराष्ट्र के बीड से और श्री तेज प्रताप सिंह उत्तर  प्रदेश के मैनपुरी से सांसद चुने गए हैं.

कंधमाल से निर्वाचित श्रीमती प्रत्यूषा राजेरी सिंह और आंध्र प्रदेश के मेडक क्षेत्र से निर्वाचित कोथा प्रभाकर रेड्डी शपथ लेने के लिये मौजूद नहीं थे.

प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के नये सदस्यों का परिचय कराया. मोदी मंत्रिमंडल का पिछले महीने विस्तार किया गया था जिसके बाद यह संसद का पहला सत्र है.

शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं, क्योंकि विपक्षी दलों ने बीमा विधेयक का विरोध करने और काला धन मुद्दे पर सरकार को घेरने का मन बनाया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर मिलजुल कर संसद में आगे बढ़ाया जा सकता है और उम्मीद जतायी कि महीने भर चलने वाला यह सत्र भी बजट सत्र की भांति ‘बहुत अच्छी तरह’ गुजरेगा.

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेकैंया नायडू ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र अच्छी तरह गुजरा था और यह रचनात्मक और सफल था. हम आशा करते हैं कि शीतकालीन सत्र भी उसी तर्ज पर रहेगा.’ इस बैठक में 26 दलों के 40 नेताओं ने हिस्सा लिया. तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की उपस्थिति नहीं थी.

इस सत्र में सरकार आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ायेगी. बीमा क्षेत्र में अधिक विदेशी निवेश को अनुमति देने के लिए बहुत दिनों से लंबित बीमा विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर विधेयक सरकार के एजेंडे में ऊपर है.

कोयला अध्यादेश और टेक्सटाइल राष्ट्रीयकरण से संबंधित अध्यादेशों का स्थान लेनेवाले विधेयकों को भी पारित करना सरकार की प्राथमिकता में है.

सरकार लोकपाल और सीबीआइ के कामकाज को संचालित करनेवाले कानून में संशोधन की दिशा में आगे बढ़ सकती है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लोकपाल और सीबीआइ चीफ के चयन से संबंधित समिति में कोरम की जरूरत न पड़े. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से संसद का यह दूसरा प्रमुख सत्र है.

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र अच्छी तरह गुजरा था और यह रचनात्मक और सफल था. हम आशा करते हैं कि शीतकालीन सत्र भी उसी तर्ज पर रहेगा.’ नायडू के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों को लेने के लिए तैयार है. सामूहिक विवेक से, सभी दलों के मुद्दों को आगे बढ़ाया जा सकता है.

इस बैठक में 26 दलों के 40 नेताओं ने हिस्सा लिया. तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की उपस्थिति नहीं थी. वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा ने बीमा विधेयक के विरोध का साझा मुद्दा बनाने का निर्णय किया है और व्यापक विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस से उन्हें समर्थन देने को कहा है.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीमा विधेयक पर विपक्ष की मुहिम को समर्थन देने के बारे में कहा कि पार्टी पहले यह देखेगी कि सरकार किस तरह का संशोधन लाती है. नायडू ने विपक्ष की मुहिम को तवज्जो न देते हुए उम्मीद जताई कि ये दल देश के मूड और लोगों के जनादेश की भावना को समझेंगे और सरकार को सहयोग करेंगे.

उन्होंने कहा कि सभी विधेयक हमारी प्राथमिकता हैं. विकास के राष्ट्रीय एजेंडे को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है. निवेश, अर्थव्यवस्था में सुधार और जनता की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना प्राथमिकता है. बीमा विधेयक उसी दिशा में एक कदम है. नायडू ने कहा कि बीमा विधेयक अंतिम रूप दिये जाने के अग्रिम चरण में है और चूंकि संबंधित संसदीय स्थायी समिति के दो सदस्य मंत्री बन गये हैं, दो नये सदस्यों को जल्द शामिल किया जायेगा और समिति से अनुरोध किया जायेगा कि वह सत्र के पहले सप्ताह की समाप्ति तक अपनी रिपोर्ट दे दे.

एक माह तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी जिमसें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए रखे गये हैं.

बैठक के बाद जदयू के नेता के सी त्यागी ने सत्तारूढ पार्टी पर विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के चुनाव से पूर्व किये गये अपने वादे से मुकरने का आरेाप लगाया और कहा कि माकपा, जदएस, सपा बसपा और तृणमूल कांग्रेस बीमा विधेयक का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि व्यापक विपक्षी एकता की खातिर कांग्रेस को समर्थन करना चाहिए. त्यागी ने कहा कि हम भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन और मनरेगा कानून में बदलाव का कड़ा विरोध करेंगे.

शिवसेना ने यह घोषणा कर सरकार को राहत दी कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार का समर्थन करेगी. शिवसेना नेता संजय राउत ने यह भी कहा है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम का केंद्र में भाजपा और शिवसेना के बीच संबंधों पर असर नहीं होगा.

संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने उन 37 विधेयकों का ब्यौरा दिया जिसे सरकार पेश करना चाहती है और लंबित विधेयकों को विचार और पारित किये जाने के लिए लेना चाहती है. बैठक में सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरूण जेटली, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और राजीव प्रताप रूडी ने हिस्सा लिया.

विपक्ष की तरफ से कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, बीजद के भर्तृहरि महताब, बसपा के एस सी मिश्रा, जदयू के के सी त्यागी, एनसीपी के तारिक अनवर, द्रमुक की कनिमोझी, भाकपा के डी राजा, आईयूएमएल के ई अहमद, आम आदमी पार्टी के धर्मवीर गांधी, वाईएसआरसीपी के एम राजामोहन रेड्डी के अलावा अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल, तदेपा के टी नरसिम्हा, शिवसेना के संजय राउत, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पी ए संगमा ने हिस्सा लिया.

विपक्षी नेताओं ने मांग की कि इस सत्र के दौरान प्रोन्नति में एससी, एसटी को आरक्षण देने, संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं आरक्षण देने और देश के विभिन्न राज्यों में बाढ एवं सूखे की स्थिति के मुद्दे को लिये जाने की मांग की. इसके अलावा विदेश नीति से जुड़े मुद्दे, किसानों और दलितों पर अत्याचार से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा कराने की मांग की. नरेन्द्र मोदी सरकार के छह महीने पहले सत्ता में आने के बाद से संसद का यह दूसरा प्रमुख सत्र है और सरकार के प्रबंधकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आर्थिक सुधार के एजेंडे को गति दी जायेगी.
 



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