मजबूत इरादे हैं मोदी की ताकत: जेटली

Last Updated 23 Nov 2014 07:56:23 PM IST

तमाम दुश्वारियों पर पार पाते हुए देश के शीर्ष पद पर पहुंचने के पीएम के सफर की दास्तां को साझा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि किसी महान खिलाड़ी की भांति मजबूत इरादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताकत हैं.


वित्त मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो)

15 सालों तक मोदी के साथ बीजेपी के प्रवक्ता के रूप में कार्य करते हुए पीएम को बेहद करीब से देखने वाले जेटली ने कहा कि अपने साथ भी प्रधानमंत्री \'कड़ा अनुशासन\' बरतते हैं और उनका खुद में गहरा आत्मविश्वास है.
   
जेटली ने कहा कि इन्हीं गुणों के कारण मोदी ने विरोधी स्वरों के बावजूद अपने विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया और यही गुण उन्हें राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रकार से बेजोड़ बनाते हैं.
   
सूचना और प्रसारण मंत्री का भी कार्यभार संभालने वाले जेटली ने संवाददाताओं के साथ रूबरू होते हुए कहा, ‘‘सरकार में रहते हुए, यह बताने की जरूरत नहीं कि वह खुद बेहद मेहनती हैं और काम में लगे रहते हैं. इसलिए उन्हें यह अच्छी तरह पता रहता है कि सरकार के प्रत्येक विभाग को क्या-क्या करना है’’.
   
मोदी के उत्थान के बारे में जेटली ने कहा कि जिन गुणों ने उनकी इस प्रक्रिया में योगदान किया है, वे हैं कि वह बेहद तीक्ष्ण बुद्धि, सीखने की अद्भुत काबिलियत रखने वाले और एक अंतरराष्ट्रीय नेता के रूप में खुद को ढालने की क्षमता रखने वाले हैं.
  
जेटली ने कहा, ‘‘उनकी सीखने की लगन अद्भुत है इसीलिए वे यहां तक पहुंचे हैं और अब जब उनके पास डिप्लोमेसी में अपना प्रभाव छोड़ने का अवसर आया है तो आप देख सकते हैं कि धीरे-धीरे कैसे उनका कद ऊंचा होता चला गया है. एक मुख्यमंत्री से एक प्रधानमंत्री और फिर एक शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय नेता’’.

जेटली ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे बहुत लोग होंगे जिन्होंने इतनी तेजी से प्रगति की हो’’.
   
मोदी की सधी नजर और लक्ष्य केंद्रित इरादों के संबंध में जेटली ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि असली मजबूती उस समय दिखी थी जब वह गुजरात गए थे. मुझे लगता है कि वह स्वीकार्यता की असली परीक्षा थी’’.
   
2002 के दंगों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के कानूनी और मीडिया की आलोचनाओं के घेरे में आने का परोक्ष जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि \'विरोधी विचारों\' में \'बिखर\' जाने के बजाय मोदी ने विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर राज्य में सरकार चलाई.
   
2002 के दंगों के बाद मोदी को पेश आई मुश्किलों के संबंध में जेटली ने कहा कि बहुत से लोग तो उनके विचारों को दिखाने के ही इच्छुक नहीं थे.
   
वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, लेकिन ‘‘उन्होंने मीडिया से परे जाते हुए जनता से सीधे संवाद कायम किया, अपना रोडमैप और एजेंडा पेश किया. एजेंडा था गुजरात विकास’’.
   
उन्होंने कहा, ‘‘और जब मैं कहता हूं कि वह मजबूत इरादों वाले हैं, तो वह अगले 10-12 सालों तक उस एजेंडे से नहीं डिगे और अपने आलोचकों के एजेंडा पर प्रतिक्रिया जताने की बजाय अपने खुद के एजेंडे को मुख्य मंच पर लाने में सफल हुए’’.
   
मोदी की क्षमताओं की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वह जो कुछ कर रहे हैं उसमें उन्हें खुद पर बहुत भरोसा है’’.
   
इस संदर्भ में उन्होंने मोदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर हिन्दी में संवाद करने और ऑस्ट्रेलिया में धारा प्रवाह अंग्रेजी में भाषण देने का जिक्र किया.

केंद्र में सरकार चलाने की उनकी क्षमताओं के बारे में जेटली ने कहा कि विरोध के तमाम स्वरों के बावजूद गुजरात में सरकार चलाने का उन्हें 12 साल का अनुभव है और इसके साथ ही वह खुद बेहद परिश्रमी हैं और वह क्रियाशील हैं.
   
जेटली ने कहा, ‘‘उनकी इस पर पकड़ है. वह बेहद स्पष्ट हैं’’. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि मोदी अपने कार्यालय में अपनी खुद की कोर टीम के अलावा नौकरशाहों और मंत्रियों से भी जानकारी हासिल करते रहते हैं.
   
उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि एक राज्य के मुख्यमंत्री के पद से कहीं अधिक उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर खुद के लिए बड़ी स्वीकार्यता पैदा की है’’.
   
मोदी की अगुवाई में हालिया लोकसभा चुनावों में बीजेपी के प्रचार अभियान के संबंध में जेटली ने कहा, ‘‘जिस तरीके से उन्होंने प्रचार की कमान संभाली, वह उनके और पार्टी के बीच का तालमेल था लेकिन स्पष्ट रूप से वह प्रचार अभियान के नेता थे’’.
   
उन्होंने कहा, मोदी ने अपनी \'प्रवीणता और धुआंधार प्रचार\' के साथ सभी पारंपरिक चुनावी संभावनाओं को ध्वस्त कर दिया जिनमें बीजेपी के बहुमत से दूर रहने या राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ने की आशंका जताई गई थी.



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