राष्ट्रपति जायेंगे एक दिन के लिए भूटान
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सात नवंबर को भूटान की एक दिन की यात्रा पर थिम्पू जायेंगे.
राष्ट्रपति जायेंगे एक दिन के लिए भूटान (फाइल फोटो) |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूटान यात्रा के चार माह के अंतराल में हो रही राष्ट्रपति की इस यात्रा को भूटान एवं चीन के बीच विवादित सीमा पर बातचीत को लेकर भारत की चिंताओं से जोडक़र देखा जा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री मुखर्जी शुक्रवार को सुबह भूटान पहुंचेगे तथा भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामज्ञाल वांगचुक तथा प्रधानमंत्री शेटिंग तोबगे के साथ बैठक करके उसी दिन देर शाम स्वदेश लौट आयेंगे.
इससे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी जून में अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान गये थे जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग के कई निर्णय लिये थे.
उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ .दक्षेस. के अपने पड़ोसी देशों को सर्वोच्च प्राथमिकता की नीति घोषित की है.
राष्ट्रपति की थिम्फू यात्रा ऐसे समय हो रही है जब चीन सरकार भूटान से लगी 470 किलोमीटर लंबी अपनी सीमा को लेकर विवाद शीघ्र सुलझाने का दबाव बना रहा है.
उल्लेखनीय है कि भूटान की सुरक्षा भारत के लिए भूटान नेपाल और बंगलादेश के बीच सिलीगुड़ी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है जिसे
.चिकन नेक. कहा जाता है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन और भूटान अपनी सीमा कैसे तय करते हैं और इसका भारत की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है.
यह ध्यान देने वाली बात है. भारत इसलिये भूटान के साथ सीमावार्ता में चीन द्वारा दिखाई जा रही जल्दबाजी पर पैनी नजर रखे है.श्री मोदी की भूटान यात्रा के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी थिम्फू गये थे. उसके अगले माह जुलाई में भूटान के विदेश मंत्री रिन्जिन दोरजी चीन गये थे.
वहां चीनी नेतृत्व ने उनसे सीमा समाधान जल्द से जल्द करने को कहा था.चीन सरकार ने भूटान को जमीन की अदलाबदली का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव से वह अपनी पोजीशन चिकननेक के करीब ले आयेगा.
इसके लिए चीन भूटान को आकषर्क पेशकश भी कर सकता है.चीन के भूटान को जमीन की अदलाबदली प्रस्ताव को लेकर पिछले साल भारत और भूटान के बीच अभूतपूर्व तनाव पैदा हो गया था. तब भारत ने भूटान को ऊर्जा सब्सिडी में कटौती कर दी थी.
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