चिदंबरम ने कहा, भविष्य में कोई गैर गांधी भी हो सकता है कांग्रेस अध्यक्ष
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि भविष्य में गांधी परिवार से बाहर का भी कोई कांग्रेस अध्यक्ष हो सकता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो) |
एक चैनल से बातचीत में शुक्रवार को उन्होंने कहा कि पार्टी में इस वक्त उत्साह की कमी है और नए नेतृत्व को इस पर काम करना चाहिए. चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठन में नम्बर एक हैं और यह भी कि जनवरी 2013 में जयपुर में राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय शायद सही फैसला था.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोई गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है चिदम्बरम ने कहा, ‘‘मैं ऐसा समझता हूं किसी दिन हां.’’
जब यह पूछा गया कि इस तरह की स्थिति कब आयेगी तो उन्होंने तुरंत कहा, ‘‘मुझे पता नहीं है.’’
चिदम्बरम की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रि या चल रही है जिसकी परिणति अगले साल जुलाई अंत तक नये पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के रूप में होगी. सोनिया गांधी 1998 से कांग्रेस अध्यक्ष हैं.
इस सवाल पर कि अखिर पार्टी एक परिवार पर नेतृत्व करने के लिए इतना ज्यादा क्यों निर्भर है, उन्होंने कहा, ‘‘यह इसलिए होता है कि वह (राहुल गांधी) उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दूसरे युवा नेता उभर नहीं सकते. आखिरकार सचिन पायलट उभरे हैं.’’
पूर्व वित्त मंत्री ने इस बात को खारिज किया कि पार्टी नेतृत्व पार्टी कार्यकर्ताओं तक से बात नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह सही नहीं है. मैं उनसे नियमित अंतराल पर मिलता हूं.वे हमसे बातचीत करते हैं और मैं ऐसा मानता हूं कि और भी ऐसे हैं. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे जनता से बात करें.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस तथ्य से निराश हैं कि सोनिया ने अपना स्थान छोड़ दिया और इसे अपने पुत्र के लिये छोड़ दिया, चिदम्बरम ने कहा कि यह सवाल उन्हीं से पूछा जाना चाहिए. लेकिन मैं समझता हूं कि उपाध्यक्ष के पद का सृजन और इस पद पर राहुल गांधी को बैठाया जाना नेतृत्व की अगली पीढी को कमान सौंपने की एक सोची समझी रणनीति थी.
चिदम्बरम ने कहा कि यह हर स्तर पर हो रहा है और मैं नहीं समझता कि इसमें कोई गलती है.मैं समझता हूं कि जयपुर का फैसला संभवत: सही निर्णय था, जिसका पूरे उत्साह से न सिर्फ पार्टी के अंदर बल्कि पार्टी से बाहर के लोगों द्वारा भी स्वागत किया गया.
नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पीढी की अति स्वीकार्य नेता सोनिया गांधी हैं और मैं समझता हूं कि पार्टी के युवा सदस्यों के बीच राहुल गांधी की व्यापक स्वीकार्यता है. इसका यह मतलब नहीं कि दूसरे नेता उभर नहीं सकते या नहीं उभरना चाहिए.’’
पार्टी के एक वर्ग में प्रियंका गांधी के लिए उठ रही मांग से संबंधित सवालों पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से और ज्यादा मुखर होने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे और ज्यादा रैलियों को संबोधित करें, उनसे अनुरोध करूंगा कि मीडिया से मिलें.’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं सहमत हूं कि कांग्रेस (कैडर) का मनोबल काफी नीचे है. लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि मनोबल को उठाया नहीं जा सकता. दिशा नहीं दी जा सकती. मुझे यकीन है कि कांग्रेस नेतृत्व के पास (इसके लिए) एक टाइम टेबल है.’’
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