ब्लैक मनी पर चिदंबरम का बयान: अगर कांग्रेसी नेता लिप्त तो वो होगा शर्मिंदा, पार्टी नहीं

Last Updated 24 Oct 2014 02:23:11 PM IST

पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर ब्लैक मनी की लिस्ट में किसी कांग्रेसी नेता का नाम उजागर होता है तो वो शर्मिंदा होगा, पार्टी नहीं.


पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि अगर काला धन रखने वालों की सूची में किसी कांग्रेसी नेता का नाम है, तो इससे वह व्यक्ति शर्मिंदा होगा, न कि कांग्रेस पार्टी.

कालेधन की सूची में किसी निजी नेता का नाम उसका खुद का अपराध होगा और ऐसे खाते को कांग्रेस से नहीं जोड़ सकते.

चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत लेनदेन है, कानून का व्यक्तिगत उल्लंघन है. व्यक्ति को शर्मिंदा होना चाहिए. पार्टी को क्यों शर्मिंदा होना चाहिए. मुझे नहीं पता लेकिन अगर किसी मंत्री का नाम है तो यह उनको शर्मिंदा करेगा.

उन्होंने कहा कि जेटली का बयान ब्लैक मनी से ब्लैक मेल की तरफ ले जाने वाला है, चुपचाप नाम जारी कीजिए.

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार का आज वही रुख है, जो हमारा था. उन्होंने कहा, 'कानूनी दृष्टि से यही सही स्थिति भी है और हमारी निंदा करके वह गलती कर रही थी'.

गौरतलब है कि हाल ही में अरुण जेटली ने कहा था कि काले धन पर नाम सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस को शर्मिंदा होना पड़ेगा.

जेटली के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी जवाब में कहा था कि अरुण जेटली ब्लैकमेलिंग की कोशिश न करें.

सोनिया, राहुल को और मुखर होना चाहिए

चिदंबरम ने ये भी कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को और अधिक मुखर होना चाहिए और ऐसा 'टाइमटेबल' अमल में लाना चाहिए जो पार्टी को ऐसे समय में 'सच्चे विपक्ष' की भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाए जब पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी गिरा हुआ है.     

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के सामने एक कारगर, मजबूत और ठोस विपक्ष पेश करने के लिए पार्टी के पुनर्गठन का बड़ा कार्य लंबित है.
    
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठन में नम्बर एक हैं और यह भी कि जनवरी 2013 में जयपुर में राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय ‘‘शायद सही फैसला’’ था.
    
पार्टी के एक वर्ग में प्रियंका गांधी के लिए उठ रही मांग से संबंधित सवालों पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से और ज्यादा मुखर होने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे और ज्यादा रैलियों को संबोधित करें, उनसे अनुरोध करूंगा कि मीडिया से मिलें’’.
    
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सहमत हूं कि कांग्रेस का मनोबल काफी नीचे है. लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि मनोबल को उठाया नहीं जा सकता. दिशा नहीं दी जा सकती. मुझे यकीन है कि कांग्रेस नेतृत्व के पास एक टाइम टेबल है’’.

यह पूछे जाने पर कि क्या कोई गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं ऐसा समझता हूं. किसी दिन हां. जब यह पूछा गया कि इस तरह की स्थिति कब आयेगी तो उन्होंने तुरंत कहा, ‘‘मुझे पता नहीं है’’.
    
चिदंबरम की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है जिसकी परिणति अगले साल जुलाई अंत तक नये पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के रूप में होगी. सोनिया गांधी 1998 से कांग्रेस अध्यक्ष हैं.



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