जेटली ने दिया संकेत, काले धन की सुची में शामिल यूपीए के पूर्व मंत्री का नाम!

Last Updated 22 Oct 2014 09:53:42 PM IST

लगता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐसा कुछ संकेत दिया कि पिछली संप्रग सरकार के एक मंत्री का नाम उन भारतीयों में शामिल हो सकता है जिन लोगों ने विदेशों में कालाधन जमा कर रखा है.


ब्लैक मनी लिस्ट में शामिल यूपीए का पूर्व मंत्री! (फाइल फोटो)

एक समाचार चैनल पर उनसे जब यह पूछा गया कि आप यह कहकर गोपनीयता की शर्त का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं कि वह व्यक्ति मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद का सदस्य हो सकता है, तो वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि आपका इशारा किस ओर है, लेकिन कृपया उचित समय का इंतजार करें’’.
  
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उनमें संप्रग सरकार का कोई मंत्री हो सकता है तो जेटली का संक्षिप्त जवाब था, ‘‘मैं न तो इकरार करता हूं न इनकार करता हूं. मैं तो केवल मुस्करा रहा हूं’’.
   
इस सवाल पर कि क्या मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की मंत्रिपरिषद से कोई व्यक्ति इसमें हो सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका ब्यौरा नहीं देना चाहता क्योंकि मेरे ऐसा करने से संधि का उल्लंघन होगा. मैं उन ब्यौरों को नहीं देना चाहता’’.

एक अन्य सवाल पर कि क्या सरकार के पास जो नाम हैं उनमें कांग्रेस पार्टी का कोई प्रभावशाली सदस्य भी है तो वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘यदि हम किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आरोपों को सिद्ध कर सकेंगे तो उसका नाम अदालत को बताया जाएगा. चाहे वह राजनीतिज्ञ या कोई अन्य व्यक्ति, उसका नाम जनता के सामने आ जाएगा’’.
  
कालेधन के मामले में विदेशी सरकार द्वारा बताए गए व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि इन खातों को समुचित कानूनी प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक किया जाएगा.
  
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से हम सुप्रीम कोर्ट को जो बताना चाहते हैं वह यह कि हम उन नामों को सार्वजनिक करेंगे जिनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिए गए हैं’’.
  
जब यह कहा गया कि राजनीतिक दल एक-दूसरे को बचाते हैं तो जेटली ने कहा, ‘‘यह कहना बिल्कुल गलत है. यदि मेरे विरोधी का नाम उसमें है तो उस नाम को बड़े उत्साह से सार्वजनिक करूंगा.
  
‘‘मेरा मानना है कि आप तथ्यों की प्रतीक्षा करें. यदि किसी राजनेता के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं तो वह किसी भी पार्टी का सदस्य हो, उसका नाम सार्वजनिक किया जाएगा’’.

सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के हरियाणा में भूमि सौदों को लेकर पैदा हुए विवाद के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा इस मामले में कार्रवाई करना नई राज्य सरकार पर निर्भर करता है.
  
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया जांच का मामला वाड्रा के खिलाफ बनता है. क्योंकि ऐसा नहीं होता कि आपके पास कोई पूंजी नहीं हो, फिर कुछ लाख रपयों के साथ आप काम शुरू करें और एक-दो साल में वह करोड़ों रुपये में बदल जाए. आम सौदों में यह नहीं होता’’.



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