चीन की सीमा के पास भारत अपनी जमीन पर बिछाएगा चार रेल लाइनें

Last Updated 22 Oct 2014 01:07:02 PM IST

चीन से सटी सीमा के नजदीक भारत चार रेल लाइनें बिछाएगा, इसका सर्वे करने के लिए रेलवे को निर्देश दिया गया है.


चीन सीमा पर चार भारतीय रेल लाइनें (फाइल फोटो)

ये रेल लाइनें रणनीतिक तौर पर अहम मानी जा रही हैं. ये चार रेल लाइनें उन 14 रेल लाइनों का हिस्सा होंगी, जिनका भारत की फौज रणनीतिक इस्तेमाल करेगी.

इन रेल लाइन का विस्तार अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में होगा. इसकी लंबाई करीब एक हजार किलोमीटर होगी. इसका इंजीनियरिंग सर्वे करने पर ही करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

रेलवे को इन रेल लाइनों को बिछाने के लिए किए जाने वाले सर्वे के खर्च का आकलन करने के लिए अगले महीने तक का समय दिया गया है.

\"\"रेल लाइन मिसामारी से तवांग के बीच 378 किलोमीटर लंबी, असम-अरुणाचल प्रदेश, उत्तरी लखीमपुर से सिलापथर तक 248 किलोमीटर की, असम से अरुणाचल प्रदेश, मुरकोंगसेलेक-पासीघाट-तेजू-परशुराम कुंड-रुपई के बीच 256 किलोमीटर और हिमाचल प्रदेश-जम्मू एवं कश्मीर, बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह के बीचच 498 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना है. पटरी बिछाने के लिए पहाड़ में कई सुरंगें खोदनी होंगी.

गौरतलब है कि चीन ने भारत से सटी सीमा के नजदीक सड़कों और रेल ट्रैक का जाल बिछा दिया है. भारत के रेल लाइन बिछाने का चीन विरोध कर सकता है. अभी हाल ही में भारत के चीन की सीमा के पास सड़क बनाने के फैसले का उसने खुलकर विरोध किया था.

भारत की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा था कि भारत को अपनी जमीन पर कोई काम करने के लिए किसी से पूछने की जरुरत नहीं है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment