महाराष्ट्र में नरम पड़ी शिवसेना, बीजेपी नेतृत्व से मिले दो नेता

Last Updated 22 Oct 2014 08:11:07 AM IST

भाजपा ने सरकार गठन के लिए अलग हुए सहयोगी शिवसेना का साथ लेने का संकेत दिया है.


महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ शिवसेना (फाइल फोटो)

वहीं शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए नई दिल्ली अपने दो दूत भेजे हैं.ये दोनों नेता सुबह बात करने के बाद मुंबई रवाना हो गए.

इसके साथ ही एनसीपी से बाहर से समर्थन लेने का विकल्प बीजेपी नहीं छोड़ना चाहती हैं, क्योंकि शिवसेना के साथ समझौता नहीं हो पाने की स्थिति में उसके पास दूसरा विकल्प बना रहे.बीजेपी ने संकेत दिए थे कि वह बिना शिवसेना से बात किए स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से अल्पमत सरकार बना सकती है और इसके बाद सदन में बहुमत साबित करने के लिए काम कर सकती है. अब शिवसेना के तेवर ढीले पड़ने से स्थिति बदलती दिख रही है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को ही विधायक दल की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री चुनना तय किया गया था. पार्टी का एक बड़ा वर्ग और खुद आरएसएस भी नहीं चाहता कि बीजेपी सरकार बनाने में एनसीपी की मदद ले. हालांकि इस वर्ग के नेता यह भी चाहते हैं कि शिवसेना के सामने झुका न जाए बल्कि बीच का ही कोई रास्ता निकाला जाए.

पर्दे के पीछे हो रहा है खेल

सूत्रों ने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी नेतृत्व के साथ चर्चा के लिए अपने दो नेताओं को लगाया है.बीजेपी नेतृत्व से चर्चा करने के लिए शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई और एक अन्य नेता सुभाष देसाई दिल्ली आये. हालांकि अभी वार्ता किसी समझौते तक नहीं पहुंची है.

दोनों नेता शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलकर बातचीत के बारे में बताएंगे और उसके बाद पार्टी अगला कदम उठाएगी.बताया जा रहा है कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ी तो उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली आकर मिल सकते हैं.

शिवसेना की वजह से ही बीजेपी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह का महाराष्ट्र दौरा टाल दिया है.बीजेपी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए राजनाथ को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया था. वह अब दीपावली के बाद वहां जायेंगे. यह कदम एक तरह से पर्दे के पीछे शिवसेना को राजनाथ की शर्तो पर साथ लाने की संभावना तलाशने का हिस्सा है.

उधर सरकार बनाने के विए राज्य के बीजेपी नेता विलास मुगंतीवार ने मुख्यमंत्री के मुद्दे को नया मोड़ दे दिया है.उन्होंने इस पद के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का पक्ष लिया.

गौरतलब है कि बीजेपी ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें जीती हैं जो बहुमत से 23 सीटे कम है. वहीं शिवसेना ने 63 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं. शिवसेना 63 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment