पाकिस्तान से सभी मुद्दे बातचीत से सुलझ सकते हैं
भारत ने कहा कि पाक के साथ सभी समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिये हो सकता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (फाइल) |
पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर अधिक बल दिये जाने और सीमा पर गोलीबारी बढ़ाने की पृष्ठभूमि में भारत ने कहा कि उस देश के साथ सभी समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिये हो सकता है. देश ने इसके साथ ही यह भी जोर देकर कहा कि भारत को हल्के में नहीं लिया जाए.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए एक विश्वसनीय और प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता रखते हुए इस बुराई का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रयास के लिए जोर डालेगा.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता से समझौता किये बिना चीन से मैत्री संबंध चाहता है.
उन्होंने नई दिल्ली में ‘द म्युनिख सिक्युरिटी कान्फ्रेंस’ को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपनी समस्याएं बातचीत, वार्ता से सुलझाना चाहेंगे. मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसी समस्या है जिसे बातचीत से नहीं सुलझया जा सकता.
डोभाल की यह टिप्पणी पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए हाल में उस पर अधिक बल दिये जाने और जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किये जाने की पृष्ठभूमि में आया है.
उन्होंने पाकिस्तान से उभरने वाले आतंकवाद का उल्लेख करते हुए कहा भारत एक ऐसा ‘प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता’ चाहता है जो ‘विश्वसनीय’ हो. जिसे इस तरह से देखा जाए कि भारत को हल्के में नहीं लिया जा सकता और उसके वैध अधिकारों को दबाया नहीं जा सकता और वह क्षेत्र में स्थिरता का साधन बन जाए.
डोभाल ने सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीय संबंध होने की जरूरत को रेखांकित किया और कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति क्षेत्रीय देशों को साथ ला सकती है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पड़ोस के साथ बेहतर संबंध विकसित करना महत्वपूर्ण है. भारत का आर्थिक विकास क्षेत्र को एकसाथ बांध सकता है जो निहित हित देखेगा कि भारत का विकास अधिक मौके लाएगा और उन्हें कम महत्वपूर्ण महसूस नहीं करना चाहिए.
उन्होंने चीन के बारे में कहा कि भारत उसे एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी मानता है जिसके साथ हमारे सदियों से अच्छे संबंध रहे हैं. चीनी सैनिक हाल के समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में लिप्त रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 1962 में कुछ खराब अनुभव रहे हैं (जब चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था), राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि हालांकि हमारे पास आर्थिक सहयोग और वाणिज्य के लिए मौका रहा है. मैं हमारे संबंध को ऐसे स्तर तक विकसित करना चाहूंगा, जहां हमें क्षेत्रीय और अभिन्न संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करना पड़े. हमें मिल बैठकर अपने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए.
डोभाल ने कहा कि भारत साइबर अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा से उत्पन्न होने वाले खतरों को लेकर बहुत चिंतित है.
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