बीजेपी को समर्थन देकर भ्रष्ट नेताओं को बचाना चाहती है एनसीपी : शिवसेना
महाराष्ट्र में बीजेपी को बिना शर्त समर्थन की एनसीपी की पेशकश शिवसेना को रास नहीं आ रही है.
बीजेपी को समर्थन देकर भ्रष्ट नेताओं को बचाना चाहती है एनसीपी (फाइल फोटो) |
सामना के संपादकीय में लिखा है कि राज्य में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने का लाभ कई मौकापरस्त ले रहे हैं. भले ही महाराष्ट्र की भूमि संतों की खान मानी जाती हो, लेकिन वर्तमान में हर कोई मतलब परस्ती का शिकार है. अगर ऐसा नहीं होता तो कुछ ही पलों में पलटी मारकर एनसीपी बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान नहीं करती.
शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘कल तक, बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी थी और एनसीपी यह कहकर उसका मजाक उड़ाती थी कि वह हाफ पैंट पहनने वाले लोगों की पार्टी है. उन्होंने हाफ पैंट पहनने के संघ के आदेश का मजाक बनाकर हिन्दुत्व का अपमान किया. क्या अब वे वास्तव में महाराष्ट्र को स्थिरता उपलब्ध कराने को लेकर चिंतित हैं? वे सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों के सामने उनके भ्रष्टाचार की पोल न खुले.’
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल अवसरवादी
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को अवसरवादी करार देते हुए शिवसेना ने कहा कि उनकी पार्टी, नेता विपक्ष का दर्जा रखने की योग्यता भी हासिल नहीं कर पाई.
मुखपत्र में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी के खिलाफ जबर्दस्त प्रचार किया था और इसे ‘स्वाभाविक रूप से भ्रष्ट’ पार्टी करार दिया था जिसने महाराष्ट्र को लूटा है. विनोद तावड़े (बीजेपी नेता) ने कांग्रेस-एनसीपी के घोटालों का खुलासा करने और भ्रष्ट नेताओं को जेल भेजने की धमकी दी थी. और अब, एक पार्टी जिसके पास नेता विपक्ष का दर्जा रखने की भी योग्यता नहीं है, वह इस तरह की मौकापरस्ती का सहारा ले रही है.’
मतगणना के एक दिन पहले बीजेपी के नेता एकनाथ खड़से सार्वजनिक बयान देते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए सरकार
गठन में हम एनसीपी का समर्थन नहीं लेंगे. संभव है कि खड़से के खड़े बोल राष्ट्रवादी कांग्रेसवालों के कानों में न घुसे हों. एनसीपी के फैसले पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि शरद पवार नीत संगठन द्वारा की गई पेशकश यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ‘घोटाले में दागी’ उसके नेताओं को पूर्ण संरक्षण मिल जाए.
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