महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सम्मानजनक डील चाहती है शिवसेना, चाहिए कई अहम मंत्रालय और डिप्टी सीएम पद

Last Updated 21 Oct 2014 07:46:00 AM IST

महाराष्ट्र में बीजेपी को सरकार बनाने में मदद के लिए शिवसेना ने पॉजिटिव संकेत तो दिये हैं लेकिन इसके बदले में उसने बीजेपी के सामने कई अहम मांगे रख दी हैं.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे

इसके लिए वह बीजेपी से वादा चाहती है कि वह सेना को अपमानित नहीं करेगी. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि बीजेपी उसके साथ सम्मानजनक डील करे. शिवसेना को बीजेपी सरकार में अहम पोर्टफोलियो के साथ उसे उप मुख्यमंत्री का पद भी दिया जाए. हालांकि बीजेपी ने इसके लिए मना कर दिया है.

सेना की मांग है कि 1995 के फॉर्म्युले पर सरकार बने, जबकि बीजेपी इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है. बीजेपी जीती गयी सीटों के आधार पर मंत्रालयों का बंटवारा चाहती है. इसलिए दोनों के बीच डील होना इतना आसान नहीं लगता.

शिवसेना के एक नेता ने कहा कि जब हमारी पार्टी के नेतृत्व में 1995 में एनडीए सरकार बनी थी, तब हमने जूनियर पार्टनर के तौर पर बीजेपी को जो पोर्टफोलियो दिए थे, वे इस बार हमें भी दिए जाएं. शिव सेना के मनोहर जोशी 1995 में सीएम बने थे और बीजेपी से गोपीनाथ मुंडे को डिप्टी सीएम का पद दिया गया था.

बीजेपी के पास गृहमंत्रालय भी था. उस सरकार में बीजेपी के पास फाइनेंस, पब्लिक वर्क्स ऐंड इरिगेशन जैसे डिपार्टमेंट्स भी थे. शिव सेना अब वही मंत्रालय बीजेपी से चाहती है, जिस पर सहमति आसान नहीं लगती.

महाराष्ट्र बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा, '1995 में हमने अलायंस के तौर पर चुनाव लड़ा था. इसलिए इस बार वैसा समझौता नहीं हो सकता.' उन्होंने कहा कि हम सेना को कुछ पोर्टफोलियो दे सकते हैं, लेकिन डिप्टी सीएम, होम, फाइनैंस और इरिगेशन मंत्रालय देने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता.

शिवसेना वेट एंड वाच के मूड में

शिवसेना ने अभी इंतजार करने का ही फैसला किया है. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने मान लिया है कि भाजपा को फोन उन्होंने ही किया था. ठाकरे ने कहा कि मैंने फोन करके मोदी को बधाई दी थी.

पार्टी विधायक दल के नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सारे फैसले उद्धव ठाकरे करेंगे.

संजय राउत ने कहा कि वक्त आने पर गठबंधन को लेकर फैसला किया जाएगा. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया. भाजपा के साथ जाकर सरकार बनाने या नहीं बनाने पर कोई बात नहीं हुई.

इस बीच, भाजपा कोशिश कर रही है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उसे शिवसेना की जरूरत ना पड़े. अपनी इस कवायद के तहत पार्टी के बड़े नेताओं ने सोमवार को महाराष्ट्र के निर्दलीय विधायकों को फोन किए.

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अचलपुर से निर्दलीय विधायक बच्चू कडू को फोन किया है. शिवसेना की ओर से भी ऐसे विधायकों से संपर्क साधा जा रहा है.

मालूम हो 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे अधिक 122 सीटें हासिल हुई हैं. दूसरे नंबर पर शिवसेना है, जिसकी झोली में 63 सीटे हैं.

राकांपा को 41 सीटों पर जीत मिली हैं. प्रदेश में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन के पास 145 सीटें होना जरूरी है.
 

 



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