सुप्रीम कोर्ट के रद्द किए कोयला ब्लॉकों पर सरकार लाएगी अध्यादेश

Last Updated 20 Oct 2014 09:01:51 PM IST

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आवंटन रद्द किए गए 214 कोयला ब्लॉकों को दोबारा आवंटित करने के उद्देश्य से अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है.


रद्द कोयला ब्लॉकों पर सरकार लाएगी अध्यादेश (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कोयला, बिजली एवं नवीनकरण ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बताया कि रद्द किए गए ब्लॉकों के आवंटन में सरकारी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी और आवंटन की प्रक्रिया तीन से चार महीने में पूरी कर ली जाएगी.

इन ब्लॉको का आवंटन ई नीलामी के जरिए किया जाएगा.

जेटली ने कहा कि इस आवंटन में सरकारी बिजली कंपनियों-जैसे एनटीपीसी और राज्यों के बिजली निगमो को वरीयता दी जाएगी, लेकिन सीमेंट, इस्पात और बिजली क्षेत्र की निजी कंपनियों के लिए एक पूल बनाया जाएगा और ई नीलामी के जरिए उन्हें खदानों को आवंटन किया जाएगा.

आर्थिक स्थित होगी मजबूत, मिलेगा रोजगार

उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉकों का आवंटन वास्तविक उपभोक्ता कंपनियों को किया जाएगा. जेटली ने बताया कि नीलामी के लिए आधार मूल्य एक समिति तय करेगी और इससे प्राप्त राजस्व संबधित राज्यों को दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कोयला भंडार झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.

इस राजस्व से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और लाखों लोंगो को रोजगार मिलेगा.

इसके साथ ही इन ब्लॉकों में फंसे बैंको के धन को निकालने में मदद मिलेगी. इससे विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इससे कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण की व्यवस्था बनी रहेगी और वर्ष 1973 का कोयला राष्ट्रीयकरण अधिनियम मूल रूप में मौजूद रहेगा. कोल इंडिया के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी.

सिर्फ भारतीय कंपनियां ही लेंगी भाग


उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में जिन कंपनियों के खिलाफ उन्हें ई नीलामी से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन जिन पर अपराध सिद्ध होता है उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेने से रोका जाएगा.

व्यावसायिक उपभोकताओं के लिए भविष्य में खदान का आवंटन केंद्र सरकार द्वारा ही किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष 20 अरब डॉलर के कोयले का आयात किया जा रहा है और इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी. गोयल ने कहा कि इस नीलामी में सिर्फ भारतीय कंपनियों को ही भाग लेने की अनुमति होगी.



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