बीएसपी पर राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खोने की लटकी तलवार
मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी पर राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खोने की तलवार लटकने लगी है.
बीएसपी से छिनेगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा (फाइल फोटो) |
ऐसा इसलिए क्योंकि बसपा हाल ही में हुए महाराष्ट्र व हरियाणा में अपेक्षानुसार परिणाम नहीं ला सकी. यदि पार्टी को इसमें अपेक्षित मिल जाती तो उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कायम रह सकता था लेकिन अब इस पर खतरा मंडराने लगा है.
विधानसभा चुनाव में बसपा को हरियाणा में केवल एक सीट पर ही जीत मिल सकी जबकि महाराष्ट्र में उसका खाता भी नहीं खुल पाया.
चुनाव आयोग इस बारे में औपचारिक फैसला करेगा. बसपा ने हरियाणा के 90 सीट व महाराष्ट्र में 260 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया था. इनमें से केवल हरियाणा के पृथला में बसपा उम्मीदवार टेकचंद शर्मा ने भाजपा के ननिपाल रावत को 1,179 वोटों से हराने में सफलता पाई.
अपनी पार्टी की राष्ट्रीय मान्यता को बचाए रखने के लिए बसपा को इन चुनावों में कम से कम दो सीटों पर चुनाव जीतना जरूरी था. इससे पहले लोकसभा चुनावों में भी बसपा को कोई सफलता नहीं मिल सकी.
लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना उनकी पार्टी की राष्ट्रीय मान्यता समाप्त कर दी जाए लेकिन पार्टी ने हरियाणा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक का समय मांग लिया था.
यदि बसपा राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खो देती है तो उसे कई नुकसान उठाने होंगे. जैसे पार्टी एक ही चुनाव चिह्न पर देशभर में चुनाव नहीं लड़ पाएगी, चुनाव प्रचार के लिए ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन पर मिलने वाला स्लॉट भी उसे हासिल नहीं हो पाएगा.
Tweet |