2जी पीएमएलए केस: कोर्ट आरोप तय करने की डेट 31 को देगी

Last Updated 20 Oct 2014 01:34:22 PM IST

विशेष अदालत ने 2जी घोटाले में धन शोधन से जुड़े एक मामले में आरोप तय करने पर आदेश पारित करने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की.


कोर्ट

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, सांसद कनिमोई, द्रमुक प्रमुख करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल और 16 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी को आरोप तय करने पर आदेश पारित करना था, लेकिन उन्होंने यह कहकर इसे 31 अक्टूबर तक टाल दिया कि आदेश अभी तैयार नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा, ‘आदेश तैयार नहीं है..आदेश 31 अक्तूबर को सुनाया जाएगा.’

प्रवर्तन निदेशालय ने 10 व्यक्तियों एवं नौ कंपनियों समेत कुल 19 आरोपियों के खिलाफ अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि ये सभी 200 करोड़ रुपए के उस धन हस्तांतरण में शामिल थे, जो कि वास्तविक नहीं था और यह राजा की ओर से ‘डीबी समूह की कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस दिलवाने के लिए दी गई रिश्वत थी.’

एजेंसी ने कहा कि डीबी समूह कंपनी द्वारा कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड एवं सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से द्रमुक संचालित कलैगनार टीवी तक 200 करोड़ रुपए का श्रृंखलाबद्ध हस्तांतरण ‘कारोबार से जुड़ा कोई वास्तविक लेनदेन’ नहीं था.

आरोपियों ने हालांकि यह कहते हुए प्रवर्तन निदेशालय के दावों का विरोध किया कि एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई साक्ष्य नहीं है.

राजा और कनिमोई की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत में तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शिकायत के साथ जो दस्तावेज दाखिल किए गए हैं, वे कहीं भी यह नहीं दर्शाते कि वे डीबी समूह द्वारा कलैगनार टीवी को किए गए 200 करोड़ रुपए के लेनदेन से संबंधित थे.

इसी तरह स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका समेत अन्य सह आरोपियों ने तर्क दिया कि इस कथित अपराध और इससे जुड़ी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता दर्शाने वाला कोई साक्ष्य नहीं है.

प्रवर्तन के अनुसार, कनिमोई और सह आरोपी शरदकुमार ‘कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक’ के पास टीवी चैनल की 20-20 फीसदी हिस्सेदारी थी.

शेष 60 फीसदी हिस्सेदारी दयालु अम्मल के पास थी. इस मामले के सभी आरोपी इस समय जमानत पर हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि मामले में जांच 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से निकलती है और आरोपियों ने धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत कथित षड्यंत्र एवं अपराध किया.

राजा, कनिमोई और दयालु अम्मल के अतिरिक्त मामले के अन्य आरोपियों में शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक.. आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, शरद कुमार, बॉलीवुड के निर्माता करीम मोरानी तथा पी. अमृतम के नाम शामिल हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड ‘पूर्व में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी’, सिनेयुग मीडिया और एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ‘पूर्व में इसे सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था’, कलैगनर टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रीयल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कोनवुड कंस्ट्रक्शंस एंड डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रीयल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी आरोपियों के रूप में लिए थे.

प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि इसकी जांच से खुलासा हुआ है कि शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका द्वारा कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड और सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कलैगनर टीवी को 200 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी.

आरोपपत्र में दावा किया गया था कि 200 करोड़ रुपये की राशि, जो यूएएस लाइसेंस की स्वीकृति के लिए स्वान टेलीकॉम को पहुंचाए गए अवैध लाभ के बदले दी गई, उसका अतिरिक्त धन के साथ पुन: भुगतान किया गया, ताकि यह दिखाया जा सके कि लेन-देन वैध था.
 

 

 

 



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