अकेले सरकार देश को स्वच्छ नहीं बना सकती: राष्ट्रपति
सभी भारतीयों से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में शामिल होने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किरनाहार प. बंगाल में कहा सरकार लोगों की भागीदारी के बिना इस काम को अकेले पूरा नहीं कर सकती.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी |
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत करते हुए मुखर्जी ने लोगों का आह्वान किया कि वे भारत को स्वच्छ बनाने के आह्वान में शामिल हों क्योंकि सरकार निरक्षरता को दूर करने, स्वच्छता लाने, पर्यावरण को हरित बनाने तथा पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संतुलन को कायम रखने जैसे कायरें को अकेले पूरा नहीं कर सकती.
उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समाज के जिम्मेदार एवं बड़े तबके को सरकार के साथ आने की जरूरत है.
सफाई के महत्व का उल्लेख करते हुए मुखर्जी ने कहा कि शिव चंद्र स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक सबक याद किया था कि जो व्यक्ति अपने घर और आसपास को साफ रखता है वह अपने खुद के गांव को खूबसूरत बनाता है.
राष्ट्रपति ने वियतनाम और क्यूबा का जिक्र किया जहां लोगों की भागीदारी से निरक्षता को खत्म करने और स्वच्छता जैसे सामाजिक लक्ष्यों को हासिल करने में काफी योगदान मिला.
उन्होंने कहा कि अगर गैर सरकारी प्रयास सरकार के प्रयास के साथ नहीं जुड़ते तो ‘हम ज्यादा प्रगति नहीं कर पाएंगे.’
मुखर्जी ने 1995 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सामाजिक शिखर सम्मेलन का हवाला दिया जहां 10 वादे किए गए थे. इनमें तीसरा वादा यह था कि हर देश पर्यावरण को स्वच्छ बनाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को हर हफ्ते दो घंटे और साल में कम से कम 100 घंटे सफाई अभियान के लिए समय देना चाहिए.
देश को साफ सुथरा रखने के लिए लोगों को संकल्प दिलाते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अपने आसपास का माहौल स्वच्छ रखना एक ऐसा कारगर तरीका है जिससे कोई भी नागरिक अपने देश की सेवा कर सकता है.
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए सरकार की पहल के अलावा, प्रत्येक नागरिक को इस मिशन में अपने हिस्से का योगदान देना चाहिए.
‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत मुखर्जी ने किरनाहार शिवचंद्र हाई स्कूल में सफाई अभियान में हिस्सा लिया जहां से उन्होंने स्कूली शिक्षा हासिल की थी. उन्होंने कहा कि इसी संस्थान से उन्होंने स्वच्छता के महत्व का पहला सबक सीखा था.
उन्होंने कहा कि स्कूल की इमारत की दीवारों पर लिखे स्वच्छता संबंधी संदेश छात्रों के मस्तिष्क में हमेशा हमेशा के लिए अंकित हो गए.
राष्ट्रपति मिराती से किरनाहार आए थे. मिराती में उन्होंने अपने पैतृक आवास में पूजा की. बीरभूम जिले में वह अपनी बड़ी बहन अन्नपूर्णा बनर्जी के आवास में रूके हैं.
देश के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद मुखर्जी के लिए यह तीसरी दुर्गा पूजा है.
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