आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता की जमानत याचिका पर सुनवाई 7 अक्टूबर तक टली
जेल में बंद तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई 7 अक्टूबर तक टली.
जयललिता |
गौरतलब है कि अदालत की अवकाश पीठ ने मंगलवार की सुबह जमानत याचिका को छह अक्तूबर के लिए स्थगित कर दिया था.
इसके बाद राम जेठमलानी के नेतृत्व में जयललिता के वकीलों ने मामले में त्वरित सुनवाई के लिए अदालत के रजिस्ट्रार से संपर्क किया.
उनके वकीलों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएच वघेला ने याचिका को अनुमति दे दी है और अब अदालत पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगी.
कर्नाटक उच्च न्यायालय जेल में बंद तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आय से ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत याचिका और दोषी ठहराने एवं जेल की सजा को स्थगित रखने के आवेदन पर बुधवार को सुनवाई करेगा.
अन्नाद्रमुक प्रमुख जयजललिता को तत्काल कोई राहत नहीं मिल पाई है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके जमानत आग्रह और दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 1 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी है, इसलिए अब उन्हें सुनवाई की तिथि तक जेल में ही रहना होगा.
जब मामला आदालत में आया तो आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष अदालत में विशेष लोक अभियोजक रहे (एसपीपी) जी भवानी सिंह ने न्यायाधीश को बताया कि उन्हें उच्च न्यायालय में दायर आपराधिक अपील के लिए एसपीपी नियुक्त किए जाने के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.
सिंह ने अदालत से और समय की मांग की जिसपर अवकाशकालीन पीठ की न्यायाधीश रत्नकला ने सुनवाई के लिए मामले को 1 अक्तूबर तक स्थगित कर दिया. पहले इस सुनवाई की तारीख 6 अक्टूबर रखी गई थी.
अपनी याचिकाओं में तत्काल जमानत मांगते हुए और अपनी सजा को चुनौती देते हुए जयललिता ने उल्लेख किया है कि उन पर लगे संपत्ति अर्जित करने के आरोप झूठे हैं और उन्होंने कानून सम्मत साधनों से संपत्ति हासिल की थी.
जयललिता ने यह भी तर्क दिया कि निचली अदालत ने कई फैसलों की अनदेखी की गई है और बाध्यकारी प्रकृति के कई आयकर आदेशों और आयकर अपील प्राधिकरण के फैसलों पर विचार नहीं किया, जिसने उनके द्वारा बताए गए आय और व्यय के स्तर को स्वीकार कर लिया था.
पूर्व मुख्यमंत्री की सहयोगी शशिकला, उनके रिश्तेदार वीएन सुधाकरन, पूर्व मुख्यमंत्री के परित्यक्त पुत्र, और इलावरासी ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जमानत मांगी है और अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है.
विशेष न्यायाधीश जॉन माइकल डी कुन्हा ने 18 साल पुराने 66.65 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के मामले में शनिवार को फैसला देते हुए जयललिता को दोषी ठहराया था और चार साल कैद की सजा सुनाई थी.
अदालत ने उन पर 100 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया था. जयललिता ने अपील में अपनी दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने का आग्रह किया और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना देने से भी इनकार कर दिया.
मामला अवकाशकालीन पीठ के समक्ष आया क्योंकि हाईकोर्ट में 29 सितंबर से छह अक्तूबर तक दशहरा पर्व की छुट्टियां हैं.
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