देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं : भारत
सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भारत ने कहा कि चीन के साथ ‘विभिन्न स्तरों और विभिन्न जगहों पर’ संवाद जारी है और कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं.
भारतीय सेना के जवान |
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा अपने देश की जन मुक्ति सेना (पीएलए) से ‘क्षेत्रीय युद्ध’ जीतने को तैयार रहने की टिप्पणी किए जाने के दूसरे दिन भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात के बाद इन घटनाओं का शीघ समाधान करने के लिए कूटनीति खामोशी से अपना कार्य कर रही है.
चुमार और देम्चोक में गतिरोध जारी रहने के संबंध में पूछे गए सवालों का सीधा जवाब देने से बचते हुए प्रवक्ता ने महज़ इतना कहा कि सीमा मामलों से वे बेहतर तरीके से निपट रहे हैं, जो वहां हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर क्या स्थिति है इसके विस्तार में मैं नहीं जाऊंगा क्योंकि इसकी प्रतिक्रिया देने के लिए वे बेहतर स्थिति में हैं.’’
शी की टिप्पणी के बारे में भी सीधा जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें विास है कि हमारी सीमाएं ऐसे हाथों में हैं जो हमारी रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.’’
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा मोदी और शी दोनों ने स्वीकार किया है कि सीमा मुद्दों का शीघ्रता से समाधान होना चाहिए.
शी के अहमदाबाद प्रवास के दौरान चीन के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के समय अरूणाचल प्रदेश को विवादास्पद क्षेत्र के रूप में दर्शाए जाने वाले पच्रे बांटने के आरोपों पर प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति वाले किसी कार्यक्रम में देश का गलत नक्शा दिखाने की घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा, आप जिस घटना का जिक्र कर रहे हैं वह प्रधानमंत्री के वहां से चले जाने के बाद की है. इस बारे में मैं इसके सिवाए और कुछ नहीं सकता कि यह जरूरी है कि नक्शे सही होने चाहिए.
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