चुमार में चीनी सेना ने गाड़े सात तंबू, टकराव के हालात बरकरार
लद्दाख के चुमार इलाके में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सीमा में अपने सात तंबू गाड़ दिए और अब सीमा से वापसी के कोई संकेत नहीं दे रही.
चुमार में चीनी सेना ने गाड़े सात तंबू (फाइल फोटो) |
सरकारी सूत्रों ने कहा कि शनिवार को गाड़ियों पर सवार होकर लेह से 300 किलोमीटर दूर चुमार में आए चीनी सैनिकों ने भारतीय थलसेना की ओर से इलाके को खाली करने की चेतावनी बार-बार दिए जाने के बावजूद भारतीय सीमा में अपने तंबू गाड़े.
सूत्रों ने कहा कि पीएलए के करीब 100 जवानों को सामरिक रूप से अहम चौकी 'प्वाइंट 30आर' के पास देखा गया. 'प्वाइंट 30आर' चौकी से भारत को चीन की सीमा में भीतर तक नजर रखने में मदद मिलती है.
सूत्रों ने कहा कि यह घुसपैठ चुमार इलाके में एक छोटी पहाड़ी पर पहले से ही मौजूद 35 चीनी सैनिकों के अतिरिक्त है.
चीनी सैनिक मांग कर रहे थे कि भारतीय थलसेना को इलाके से एक साथ वापसी करनी चाहिए पर थलसेना ने वहां रूकने का फैसला किया था. गुरूवार की रात चीनी सैनिक अपनी सीमा में लौट गए थे.
पीएलए अक्सर 'प्वाइंट 30आर' चौकी के पास आती रही है क्योंकि भारतीय थलसेना ने इसे एक निगरानी चौकी बना रखा है जिससे भारत को चीन की सीमा के काफी भीतर तक उसकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है.
चीनी हेलीकॉप्टरों को एक बार फिर अपने सैनिकों के लिए खाने-पीने के पैकेट गिराते देखा गया पर उन्होंने वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया. पीएलए के जवानों ने बाद में खाने के पैकेट उठा लिए और उन्हें अपने तंबू के भीतर रख लिया.
इस इलाके में तनाव की स्थिति रविवार को उस वक्त पैदा हुई थी जब अपनी सीमा में सड़क निर्माण का काम कर रहे कुछ चीनी कामगारों ने भारतीय सीमा में दाखिल होना शुरू कर दिया और यह दावा भी किया कि उनके पास ताइबल तक सड़क बनाने के आदेश हैं. ताइबल भारतीय सीमा में पांच किलोमीटर अंदर का इलाका है.
भारतीय थलसेना ने चीनी कामगारों से वापस जाने को कहा और उन्हें चेतावनी दी कि यदि वे वापस नहीं गए तो देश में अवैध रूप से घुसने के आरोप में उनके खिलाफ भारतीय कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश से सटे लद्दाख के इलाके में आखिरी गांव चुमार पर चीन अपनी दावेदारी करता रहा है. चीन का कहना है कि चुमार उसका इलाका है.
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