मोदी के बयान पर भड़के जलपुरुष, गंगा के व्यवसायीकरण पर राजेन्द्र सिंह ने जताया सख्त एतराज

Last Updated 22 Sep 2014 05:17:59 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र बनारस को क्योटो की तर्ज पर विकसित करने के बयान पर प्रख्यात नदी विशेषज्ञ और मैग्सेस पुरस्कार विजेता जलपुरूष प्रो. राजेन्द्र सिंह भड़क गये है.




कुछ ऐसा होगा अस्सी घाट का नजारा

उन्होंने कहा कि गंगा का पहले राजनीतिकरण किया गया अब व्यवसायीकरण किया जा रहा है. सिर्फ विदेशों से धन लाने की कवायद में गंगा को प्रयोगशाला बनाने की योजना बनायी जा रही है. अच्छा होगा कि साबरमती के किनारे ही नदी का सुन्दरीकरण, विस्तारीकरण और व्यवसायीकरण किया जाये गंगा को उसके हाल पर छोड़ दिया जाये. उसके करोड़ो भक्त मिलकर उसके निर्मल व अविरल प्रवाह का रास्ता खोज लेंगे.

उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केन्द्र सरकार को फटकार उसे आईना दिखाने के लिए काफी है. श्री सिंह ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ से एक खास बातचीत में कहा कि गंगा की सफाई का काम पिछले लगभग तीन दशक से किया जा रहा है और इसमें अरबों रूपये पानी की तरह बहा दिया गया लेकिन नतीजा क्या निकला इसे सब जानते हैं.

केन्द्र सरकार ने हमेशा नदी विशेषज्ञों के विचारों और सुझाव की अनदेखी और सिर्फ नौकरशाहों को तव्वजो दिया. सरकार जो कर रही थी यदि वह ठीक होता तो सुप्रीम कोर्ट को इतनी कड़ी फटकार लगाने की जरूरत ही क्यों पड़ती. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान पर वे काशी को क्योटो की तरह बनाने चाहते है तीखी व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छा होता कि श्री मोदी क्योटो मॉडल गुजरात में साबरमती के तट पर लागू करते.

विश्व की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी जो कबीर, तुलसी, रैदास व रामानन्दाचार्य और तथागत से जुड़ी है उसको क्योटो मॉडल की जरूरत नहीं है. महज छह महीने पहले जिसे गंगा की सुधि आयी हो वह गंगा का मर्म क्या जानेगा. यदि किसी को गंगा के निर्मल और अविरल प्रवाह की चिन्ता है और वास्तव में कोई गंगा के लिए कुछ करना चाहता है तो वह उसके संरक्षण व प्रबन्धन के लिए कानून बनवा दे ताकि राष्ट्रीय नदी गंगा को राष्ट्रीय ध्वज की तरह सम्मान मिल सके.

गंगा में गन्दे पानी का गिरना रोकवा दे और नये बांधों को न बनने दे. उसका यह त्याग गंगा के करोड़ों भक्त हमेशा याद रखेंगे. इससे ज्यादा गंगा को कुछ नहीं चाहिए. गंगा किसी की निजी जागीर नहीं है कि उसको अपने हिसाब से जब मन आया और जिस तरह चाहे उसका प्रयोग करे.

अमरनाथ श्रीवास्तव
एसएनबी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment