ऐहतियाती हिरासत में बंद लोगों को है वोट देने का अधिकार: चुनाव आयोग
राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिये जाने की शिकायत पर चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐहतियाती हिरासत में बंद लोगों को वोट देने का अधिकार है.
चुनाव आयोग |
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कहा है कि ऐहतियाती हिरासत में बंद लोगों को वोट देने का अधिकार है.
चुनाव आयोग ने साथ ही कहा कि निर्देश का पालन ना करने की वजह से इस तरह की किसी शिकायत की ‘कोई गुंजाइश’ नहीं होनी चाहिए.
ऐसे आरोप लग रहे हैं कि चुनाव से पहले पुलिस राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले रही है. इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 65 (2) और चुनाव संचालन नियमावली की याद दिलायी जिसके अनुसार ऐहतियाती हिरासत में बंद लोग डाक द्वारा अपना वोट डालने के हकदार है.
पत्र में चुनाव संचालन नियमावली के प्रावधानों का उल्लेख किया गया है जिसके तहत प्रशासन को हर निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को ऐहतियाती हिरासत में बंद मतदाताओं के नाम, उनके पते, मतदाता सूची और संख्या बताने होंगे ताकि मताधिकार का इस्तेमाल करने की सुविधा देने के लिए उन्हें डाक मतपत्र भेजे जा सकें.
चुनाव आयोग ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा सकते हैं कि वह सुनिश्चित करें कि इन प्रावधानों का आम चुनाव में कड़ाई से पालन किया जाए और इस नियम (चुनाव संचालन नियमावली) के प्रावधान का पालन ना करने की वजह से किसी तरह की शिकायत की ‘कोई गुंजाइश’ नहीं है.
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