चुमार में सेनाएं पीछे हटीं, तनाव बरकरार

Last Updated 19 Sep 2014 12:12:23 AM IST

भारत ने चीनी सेना पर जबर्दस्त दबाव बनाते हुए चुमार में बृहस्पतिवार को सैनिकों की संख्या तकरीबन एक हजार कर दी. हालांकि देर शाम तक दोनों देशों की सेनाएं एक-एक किलोमीटर पीछे आ गई.


भारतीय क्षेत्र में कब्जा जमाए हुए चीनी सैनिक. (फाइल फोटो)

लेकिन तनाव बरकरार है और वे एक-दूसरे की निगहबानी में हैं. यह भारत की विदेश नीति की मजबूती ही कही जाएगी कि एलएसी पर विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य को भारतीय सेना ने रोक दिया. ऐसा दशकों बाद हुआ है, वर्ना अभी तक तो यह स्थिति ही बनती थी कि लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में अकसर घुसकर निर्माण कार्य नहीं होने देती थी.

यह चीन की राजनीति का दोहरा चरित्र ही कहा जाएगा कि एक तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जहां भारत में दोस्ती की पींगे बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं. चीनी मीडिया द्वारा जारी खबर में कहा गया है कि चीनी पक्ष ने आज तड़के वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे चुमार गांव में और सैनिक भेजे हैं. इन सैनिकों के हाथों में बैनर थे जिनमें भारतीय सेना से इलाका छोड़ने के लिए कहा गया.

दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे से 200 मीटर की दूरी बनाए हुए थीं. हालांकि देर शाम सेना के सूत्रों ने बताया कि जिस स्थान पर दोनों देशों की सेनाएं खड़ी थीं, वहां से अब वे एक-एक किलोमीटर पीछे आ गई हैं, लेकिन वे एक-दूसरे की तरफ मुखातिब हैं. पूरा मामला रविवार को शुरू हुआ जब भारतीय सैनिकों ने चुमार इलाके में भारतीय क्षेत्र में चीनी पक्ष के निर्माण गतिविधि में लगे होने का पता लगाया.

चीन चुमार के पास तक सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रहा था. सेना ने उसकी इस गतिविधि को रुकवा दिया और अपनी मौजूदगी बढ़ा दी. दरअसल पूरे लद्दाख क्षेत्र में चीन से लगी सीमा (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारतीय सेना चुमार में प्रभावशाली स्थिति में है. ऐसा इसलिए है कि चुमार ऊंचाई पर है और चीन के नियंत्रण वाला क्षेत्र काफी नीचे. चुमार में भारतीय सेना का पोस्ट ऊंचाई पर होने के नाते सामरिक दृष्टि से भारत ताकतवर स्थिति में है.

चीन को यह नागवार लगता है और वह जब तब चुमार तक अपना नियंत्रण करने की असफल कोशिश करता है. यह भारत और चीन द्वारा की उस संधि के भी खिलाफ है, जिसमें यह कहा गया है कि दोनों देश एलएसी पर विवादित क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं करेंगे.

चीनी हेलीकॉप्टरों ने अपने सैनिकों के लिए भोजन सामग्री गिराई

चुमार में हेलीकॉप्टर नियमित रूप से भोजन के पैकेट चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कर्मियों के लिए गिरा रहे हैं, जिनकी संख्या  600 के करीब है. चीनी हेलीकॉप्टरों को दिन में कम से कम तीन बार मंडराते हुए देखा गया. वे अपने सैनिकों के लिए भोजन के पैकेट गिरा रहे थे. सीमा पर निर्माण का भारत ने ऐतराज जताया था. चीनी कामगार यह कह रहे थे कि उन्हें तिबले तक सड़क बनाने के निर्देश हैं जो भारतीय भूमि में पांच किलोमीटर अंदर है.

सेना ने चीनी कामगारों से वहां से हटने को कहा है अन्यथा भारत में अवैध रूप से घुसने को लेकर उन्हें भारतीय कानूनों के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा. दोनों देशों ने अभी तक दो ध्वज बैठक की हैं जिसमें कल की लंबी चर्चा शामिल है जो कई घंटों तक चली, पर बेनतीजा रही. इस बीच, दमचोक में गतिरोध जारी है जहां चीन के खानाबदोशों- रेबोस- ने उनके तंबू तान दिए थे. घुसपैठ भारतीय क्षेत्र में 500 मीटर अंदर तक है.

संजय सिंह
एसएनबी


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