यूजीसी ने विविद्यालयों में हिंदी पढ़ाने का सर्कुलर वापस लिया
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और राज्य के राजनीतिक दलों के विरोध के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अपना विवादित सरर्कुलर वापस लिया.
यूजीसी के अध्यक्ष वेद प्रकाश (फाइल फोटो) |
यूजीसी ने गुरुवार को अपना वह विवादित सरर्कुलर वापस लेने का फैसला किया जिसमें विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया था कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में हिंदी को एक प्राथमिक भाषा के तौर पर पढ़ाएं.
यूजीसी के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने गुरुवार को कहा कि यूजीसी इस मुद्दे पर शुक्रवार को नए सिरे से एक सर्कुलर जारी करेगा. प्रकाश ने यह बयान जयललिता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के कुछ घंटे बाद दिया है. अपने पत्र में जयललिता ने हिंदी ‘‘थोपने’’ का विरोध करते हुए कहा कि यूजीसी का निर्देश राज्य पर ‘‘बाध्यकारी’’ नहीं है.
प्रकाश ने कहा, ‘‘पिछले सर्कुलर में अनजाने से यह लिख दिया गया था कि अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भी प्राथमिक भाषा के तौर पर पढ़ाई जाए. यूजीसी ने कल एक सर्कुलर जारी करने का फैसला किया है जिसमें कहा जाएगा कि हिंदी अनिवार्य नहीं है. यह संबंधित विश्वविद्यालय का विशेषाधिकार है कि कैसे पढ़ाना है, किसे पढ़ाना है और क्या पढ़ाना है.’’
इस हफ्ते की शुरूआत में जारी सर्कुलर को तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों ने विरोध का मुद्दा बना लिया था. जयललिता की अन्नाद्रमुक के साथ-साथ द्रमुक, एमडीएमके और पीएमके ने कहा कि वे तमिलनाडु पर हिंदी भाषा ‘‘थोपने’’ की सभी कोशिशों का विरोध करेंगे.
आज मोदी को लिखे गए पत्र में जयललिता ने कहा कि सर्कुलर हिंदी थोपे जाने की तरह है जिसकी शुरूआत पिछली सरकार के दौरान हुई थी.
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