विधवाओं पर मेरे कथन का गलत अर्थ निकाला गया: हेमा मालिनी

Last Updated 18 Sep 2014 07:33:40 PM IST

बीजेपी की नेता और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने गुरुवार को कहा कि वृन्दावन में विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं के बारे में उनकी प्रतिक्रिया का गलत अर्थ निकाला जा रहा है.


बीजेपी की नेता और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी (फाइल फोटो)

हेमा ने संवाददाता को बताया, ‘‘मैंने वृन्दावन रह रही कई राज्यों की विधवा महिलाओं के प्रति जो बयान दिया है उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है’’.
    
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि वृन्दावन में प्रवास कर रहीं विधवा महिलाओं में से अधिकांश को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद, आवास एवं अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इसी प्रकार सुलभ इण्टरनेशनल एवं गिल्ड ऑफ सर्विस जैसे अनेक गैर सरकारी संगठन द्वारा भी उनकी देखभाल कर रही है’’.
    
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद देखने में आ रहा है कि वृन्दावन के मंदिरों के आसपास एवं परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह इनमें से कई महिलाएं भीख मांगती नजर आती हैं जिससे यह प्रश्न स्वाभाविक है कि जब उन्हें जीवनयापन की पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं तो आखिर वे अपने सम्मान के विरुद्ध कार्य क्यों कर रही हैं.
    
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करते देखकर बहुत दुख होता है. इससे उनकी गरिमा का हनन तो होता ही है. साथ ही देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों के बीच मथुरा-वृन्दावन एवं देश-प्रदेश की छवि भी खराब होती है.
    
उनका सुझाव है कि अब इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए जिन राज्यों से ये महिलाएं यहां आती हैं वहां की सरकारें यदि उनके लिए उन्हीं के जिलों में अपेक्षित सुविधाएं मुहैया करा दें तो उन्हें उम्र के इस पड़ाव पर इस प्रकार भटकना न पड़े.

हेमा ने कहा कि इन महिलाओं को भी सम्मानजनक जिंदगी जीने का पूरा हक है इसलिए उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, उड़ीसा सहित अन्य जिन राज्यों से भी विधवा महिलाएं वृन्दावन आती हैं उन राज्य सरकारों को उनके लिए आवश्यक सुविधाएं जुटानी चाहिए.
    
सांसद ने कहा कि एक समय था जब एक सामाजिक रिवाज के चलते विधवा महिलाओं को उन्हीं के परिजन वृन्दावन अथवा वाराणसी में छोड़ जाते थे लेकिन अब समय बदला है. तो समाज को भी बदलना चाहिए.

लोगों को भी अपने परिवार का अंग रही महिलाओं को इस प्रकार परित्याग नहीं करना चाहिए. उन्हें धार्मिक स्थलों पर नहीं छोड़ देना चाहिए.
    
उन्होंने कहा कि इनमें से जो महिलाएं शारीरिक रूप से सबल हैं, उन्हें निश्चित रूप से भिक्षावृत्ति के स्थान पर कोई सम्मान लायक कार्य करना चाहिए. वृद्ध महिलाएं भी घर पर रहकर घरेलू प्रयोग की वस्तुओं का निर्माण कर सकती हैं.
    
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर लगातार ध्यान देंगी और वृन्दावन की विधवा महिलाओं को सम्मानजनक जीवन दिलाने की दिशा में पूरी सरकारी मदद दिलाने का प्रयास करने के साथ-साथ अपने स्तर से भी उन्हें खुशभरी जिंदगी दिलाने का पूरा प्रयास करेंगी.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment