भारत-चीन शिखर वार्ता: मोदी ने कहा, सीमा पर शांति रहे तो संबंध और मजबूत होंगे

Last Updated 18 Sep 2014 11:05:22 AM IST

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा विवाद का मुद्दा उठाया.


मोदी ने सीमा विवाद का मुद्दा उठाया

शिवर वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी सरकार बनने के कुछ ही महीने में  वह भारत आए हैं. दोनों देशों के संबंधों को प्राथमिकता देता हूं.

चीन हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है. राष्ट्र निर्माण और विदेश नीति में पड़ोसी का बहुत महत्व होता है.

उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी है कि आपसी संबंध और विश्वास में भरोसा हो. संबंधों में और सीमा पर शांति और स्थिरता रहे.

उन्होंने कहा "यह महत्वपूर्ण है कि भारत और चीन के बीच रिश्ते की पूर्ण संभावना को हकीकत बनाने के लिए सीमा पर शांति और आपसी भरोसा हो."

प्रधानमंत्री ने कहा कि मित्रता और सहयोग हो तो हम अपार क्षमताओं को पूरा कर सकते हैं एक दूसरे के विकास में योगदान दे सकते हैं. भारत और चीन मिलकर विश्व की अर्थव्यवस्था में हम दुनिया को नई दिशा दिखा सकते हैं.

मोदी ने कहा, हमने व्यापार असंतुलन पर चिंता जाहिर की है और चीनी नेता शी चिनफिंग से चीन में भारतीय कंपनियों के निवेश पर लगी पाबंदियों में ढील देने का आग्रह किया है.

भारत और चीन के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर

उन्होंने कहा कि हमारे बीच पिछले दो दिनों में भारत और चीन के संबंधों पर हर विषय पर बातचीत का मौका मिला. हमने तय किया है कि आदान प्रदान का स्तर बढ़ाएंगे. बातचीत का सिलसिला जारी रखेंगे.

              12 समझौते
1. चीन भारत में अगले पांच साल में 20 बिलियन डालर का निवेश करेगा।
2. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथू-ला से नया रास्ता खोला जाएगा
3. टेलीकाम क्षेत्र में चीन निवेश करेगा
4. दवा उद्योग के क्षेत्र में समझौता
5. गुजरात, महाराष्ट्र में होगी दो औद्योगिक पार्कों की स्थापना
6. सिविल न्यूक्लियर सहयोग को बातचीत आगे बढ़ाने का समझौता
7. सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता
8. रेडियो, फिल्म टेलीविजन के क्षेत्र में समझौता
9. कस्टम को आसान बनाने पर समझौता
10. अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग समझौता
11. मुंबई के शंघाई के तौर पर विकास का समझौता
12. रेलवे क्षेत्र के विकास को लेकर समझौता

भारत और चीन के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. पांच साल के आर्थिक प्लान पर हुआ समझौता सबसे महत्वपूर्ण है. इसके अलावा ऑडियो विजुवल प्रोडक्शन, रेलवे विकास, संघाई मुंबई के बीच समझौता, कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नये रास्ते जैसे समझौते भी हुए.

चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की तरक्की देखकर मुझे काफी खुशी हुई है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के और विकसित होने की उम्मीद जताई. उन्होंने मोदी के नेतृत्व में भारत के और विकसित होने की उम्मीद जताई.

मिलकर सुलझायेंगे सीमा विवाद: जिनपिंग

जिनपिंग ने कहा कि मोदी से सभी मुद्दों पर अच्छी बात हुई. जिनपिंग ने चीन और भारत के बीच सहयोग पर बल देते हुए कहा कि भारत और चीन उभरती हुई अर्थव्यवस्था हैं.

चीनी राष्ट्रपति ने शांति पर ज्यादा जोर दिया और कहा कि शांति के जरिए ही हम विकास को प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति रहनी चाहिए. दोनों देश मिलकर सीमा विवाद सुलझायेंगे. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद अब इतिहास की बात हो गई है.

जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी को चीन की आधिकारिक यात्रा का निमंत्रण भी दिया.

'चीन की ओर से 340 बार भारत सीमा में घुसपैठ'

इससे पहले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बुधवार रात और गुरुवार को भी चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से 340 बार भारत सीमा में घुसपैठ की गई है.

जम्मू-कश्मीर के चुमार इलाके में चीन की घुसपैठ को देखते हुए इस मुद्दे का महत्व बढ़ गया है.

चीनी सेना ने गुरुवार तड़के वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे चुमार गांव में और सैनिक भेजे हैं.

सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने बुधवार सुबह भी और सैनिक भेजे थे. इस तरह यहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की संख्या करीब 500 हो गयी है जो भारतीय सेना के जवानों की संख्या के बराबर है.

चुमार लेह से उत्तरपूर्व में 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगा है. यह जगह दोनों पक्षों के बीच तनातनी का केंद्र है क्योंकि चीनी पक्ष इलाके में भारत के प्रभुत्व को खत्म करने की कोशिशों में लगा हुआ है.

दमचोक में तनातनी जारी है जहां चीनी खानाबदोश रेबोस ने अपने तंबू लगा लिए थे. चीनी पक्ष इस इलाके में भारतीय क्षेत्र में करीब 500 मीटर भीतर घुस आया है.

'चीन भारत की दोस्ती से दोनों देशों को फायदा होगा'

इससे पहले गुरुवार सुबह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उम्मीद जतायी कि चीन और भारत अपनी रणनीतिक और सहयोगात्मक भागीदारी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.

शी ने कहा कि वह तीन लक्ष्यों के साथ भारत आए हैं जिनका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत आपसी समझ निर्मित करना है.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत के बाद शी ने कहा, ‘‘हमारी योजना हमारी रणनीतिक और शांति तथा समृद्धि की सहयोगात्मक भागीदारी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की है.’’
चीनी नेता ने कहा कि उनकी यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच की मैत्री को आगे बढ़ाना है.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मोदी के साथ शी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं जिनके बीच हजारों सालों से मैत्रीपूर्ण संवाद रहा है. हम दोनों एक दूसरे की सभ्यता की सराहना और सम्मान करते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि हम एक दूसरे से किए गए वादों को निभाएंगे.’’



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment