शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में दरार, अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार शिवसेना!
महाराष्ट्र में कई वर्षों से बीजेपी और शिसेना के बीच चल रहा गठबंधन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी बना रही है.
राजीव प्रताप रूड़ी और उद्धव ठाकरे |
महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच पहले मुख्यमंत्री को लेकर ही विवाद था और अब सीटों की संख्या को लेकर भी बात बनती नजर नहीं आ रही. शिवसेना किसी भी सूरत में बीजेपी को पहले से अधिक सीटें देने पर तैयार नहीं है. वहीं बीजेपी अपने लोकसभा के परफार्मेंस को देखते हुए पहले से अधिक सीटों की मांग कर रही है.
इस बात को लेकर सोमवार शाम शिवसेना एक बैठक करने जा रही है. इस बैठक में शिवसेना यह तय कर लेगी कि उसे मिलकर चुनाव लड़ना है या फिर गठबंधन टूटेगा.
बीजेपी पुराने समझौते की बजाय इस बार विधानसभा की अधिक सीटों पर चुनाव लडऩे पर अड़ी हुई है जबकि शिवसेना पूर्व स्थिति के अनुसार बीजेपी को 119 से अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है.
दोनों दलों के बीच अभी तक विधानसभा में शिवसेना को अधिक सीटे 169 एवं बीजेपी को 119 सीटें लडऩे के लिए मिलती रही हैं. लेकिन इस बार भाजपा 150 सीटों पर दावा कर रही है. साथ ही साथ अपने गठबंधन में शामिल आरपीआई जो कि रामदास अठावले की पार्टी है व स्वाभिमानी पक्ष के लिए भी सीटें छोडऩे के लिए शिवसेना पर दबाव बना रही है.
दोनों दलों के बीच बढ़ती दूरियों में पिछले दिनों शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान ने आग में घी का काम किया है जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनावों में एनडीए की जीत का श्रेय मोदी की जगह बीजेपी के सहयोगियों को दिया था.
सीट बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी ने भी अब अपना रुख सख्त कर लिया है, पार्टी ने इस मामले को लेकर शिवसेना से किसी भी प्रकार की वार्ता आगे जारी न रखने के संकेत देते हुए जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी करने का संकेत दिया है.
बीजेपी का कहना है कि विधान सभा चुनाव में जिस पार्टी को अधिक सीटें मिलें उसी का मुख्यमंत्री होना चाहिए. वहीं शिवसेना इस पद को बीजेपी को किसी भी शर्त पर देने को तैयार नहीं है.
बीजेपी ने शिवसेना के बयान को किया खारिज
बीजेपी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस बयान को खारिज कर दिया कि भगवा की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास ही जाएगा और वह यह पद ग्रहण करने के विरूद्ध नहीं हैं.
एक निजी टीवी चैनल पर साक्षात्कार में ठाकरे द्वारा दिए गए बयान और शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में जोर-शोर से प्रकाशित वक्तव्य पर अपनी पार्टी की नाखुशी प्रकट करते हुए महाराष्ट्र के पार्टी मामलों के प्रभारी बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘‘चुनाव और वार्ता से पहले ऐसे बयानों से परहेज करना वांछनीय है’’.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों गठबंधन सहयोगियों ने अबतक मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर चर्चा नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के बाद इस मुद्दे पर फैसला होगा’’.
महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा में सीटों की साझेदारी के मुद्दे पर राज्य के 25 साल पुराने भगवा गठजोड़ में अनबन के बारे में पूछे जाने पर रूडी ने कहा कि बीजेपी शिवसेना से परिपक्व और सम्मानजनक समझदारी की उम्मीद करती है.
रूडी ने कहा कि बीजेपी ने एक प्रस्ताव रखा है कि आरपीआई और राजू शेट्टी की स्वभिमान पार्टी जैसे छोटे दलों को संबंधित हिस्सा देने के बाद शेष सीटें बीजेपी एवं शिवसेना में बराबर-बराबर बांट दी जाए.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके आधार पर, हम 135 सीटों पर लड़ने की उम्मीद करते हैं और शिवसेना के लिए भी उतनी ही सीटें होंगी’’.
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए पिछले दो चुनावों में शिवसेना और बीजेपी ने क्रमश: 169 और 119 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
जब बीजेपी नेता से पूछा गया कि यदि बीजेपी का प्रस्ताव परवान नहीं चढ़ा तो क्या वह अकेले अपने बलबूते पर चुनाव में उतरेगी और सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तब उन्होंने कहा, ‘‘अटकल क्यों लगाते हैं. ए या बी प्लान नहीं है. हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं’’.
उन्होंने कहा कि हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मातोश्री में ठाकरे से मिले थे और दोनों दलों ने गठबंधन बनाए रखने और मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया.
एक सवाल के जवाब में रूडी ने कहा, ‘‘चीजें बदल चुकी हैं. गठबंधन में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं है. हम सहयोगी हैं’’.
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