स्वामी नित्यानंद को करवाना ही होगा मर्दानगी टेस्ट,सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की नित्यानंद की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी नित्यानंद की याचिका खारिज कर दी है, कोर्ट के मुताबिक नित्यानंद को अपना पोटेंसी (मर्दानगी) टेस्ट करवाना ही होगा.
नित्यानंद को करवाना ही होगा मर्दांनगी टेस्ट (फाइल फोटो) |
बुधवार को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली कोर्ट (कर्नाटक हाई कोर्ट) के सम्मान का हवाला देते हुए इसे एक कानूनी फैसला करार दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले का सम्मान करने की बात कही और हाई कोर्ट के फैसले पर किसी तरह की रोक से इनकार कर दिया.
नित्यानंद ने पोटेंसी टेस्ट से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपने धर्म गुरु की बात सामने रखी थी और मर्यादाओं का भी हवाला दिया था.
नित्यानंद के मुताबिक उनके ऊपर जिस महिला के खिलाफ यौन शोषण का आरोप है वह भी ऐसे किसी आरोप से इनकार कर चुकी थी.
इससे पहले, 21 अगस्त को सुनवाई पूरी करते वक्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने नित्यानंद की अपील पर सुनवाई के दौरान इस तरह के परीक्षण कराने के प्रति नित्यानंद की आनाकानी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि देश में बलात्कार के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऐसा परीक्षण जरूरी है.
नित्यानंद ने उनके मर्दानगी परीक्षण कराने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. न्यामूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सभी सम्बद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
गौरतलब है कि रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने नित्यानंद की अपील पर सुनवाई के दौरान इस तरह के परीक्षण कराने के प्रति नित्यानंद की आनाकानी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि देश में बलात्कार के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऐसा परीक्षण जरूरी है. शीर्ष अदालत ने गत पांच अगस्त को मर्दानगी परीक्षण संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.
नित्यानंद उस वक्त सुखियों में आए थे जब वह दक्षिण भारत के एक टीवी चैनल ने एक एक्सक्लूसिव सेक्स वीडियो जारी किया जिसमें एक साधु जैसे दिखने वाले व्यक्ति को दो महिलाओं के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाया गया.
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