रद्द हुआ 6000 करोड़ रुपये का हेलीकॉप्टर डील, साथ ही 17 हजार करोड़ की रक्षा खरीद को मिली मंजूरी

Last Updated 29 Aug 2014 09:51:48 PM IST

रक्षा मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों से 197 हल्के हेलीकाप्टर खरीदने के लिए 6000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की घोटाले के दाग वाली निविदा शुक्रवार को रद्द कर दी.


मोदी सरकार ने रद्द की हल्के हेलीकॉप्टरों की निविदा (फाइल फोटो)

मंत्रालय ने घरेलू विनिर्माताओं को सशस्त्र सेनाओं के लिए ये हेलीकॉप्टर बनाने की अनुमति देने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया.

सरकार ने 17,500 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी है. परिषद ने 16 हेलीकॉप्टरों हेतु नौसेना की निविदा के लिए वाणिज्यिक बोलियों को आगे बढाने की अनुमति दी है.
  
रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 15 चिनूक और 22 अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर खरीदने के 15,000 करोड़ रूपये के सौदे की अंतिम बाधा भी दूर कर दी है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ सप्ताह पहले किया गया है.
  
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि डीएसी ने 197 हेलीकॉप्टरों की खरीद संबंधी निविदा रद्द करने का फैसला किया है. यह फैसला किया गया कि सशस्त्र बलों की जरूरतों के लिए ऐसे 400 हेलीकॉप्टर बनाने का अवसर भारतीय उद्योग को दिया जाए.

रक्षा मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि घरेलू विनिर्माण उद्योग को बढावा देने के प्रधानमंत्री के आह्वान के मद्देनजर सरकार ने ‘खरीदो और बनाओ’ श्रेणी में ये हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया है जिससे रक्षा क्षेत्र में स्थानीय उद्योग के लिए 40,000 करोड़ रूपये का कारोबार सृजित होने की उम्मीद है.
  
प्रस्तावित 197 हेलीकॉप्टरों में से 133 सेना के लिए जबकि बाकी वायुसेना के लिए हैं जिनका इस्तेमाल सियाचिन जैसे ऊंचे स्थानों पर सैनिक और साजो सामान पहुंचाने में किया जाएगा.
  
पिछले सात साल में यह दूसरा मौका है जब ऐसी निविदा रद्द की गई हो जिसमें यूरोपीय यूरोकॉप्टर और रूसी कामोव प्रतिस्पधी’ हों. सीबीआई की चल रही जांच और गड़बड़ियों के अन्य आरोपों को लेकर यह निविदा दो साल से रोक कर रखी गई थी.
  
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपों के मद्देनजर इस सौदे की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.

अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में यह आरोप लगा था कि एक बिग्रेडियर ने हल्के हेलीकॉप्टर के सौदे में मदद के लिए एंग्लो इतालवी कंपनी से 30 करोड़ रूपये की रित मांगी थी.
  
हालांकि, इस सौदे में अगस्ता वेस्टलैंड पहले ही चरण में बाहर हो गई थी और सिर्फ यूरोकॉप्टर तथा कामोव ही दौड़ में बने हुए थे.



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